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कानपुर में ओवैसी ने कहा ,” मुस्लिमों को बैंड बाजा समझती हैं सारी पार्टियाँ, यूपी में कोई नहीं मुस्लिमों का नेता

कानपुर में ओवैसी बोले कोई भी पार्टी मुस्लिमों की हितैषी नहीं ,समाजवादी पार्टी हो या बहुजन समाज पार्टी सब ने केवल सत्ता के लिए किया इस्तेमाल

Prabhat Chaturvedi

कानपुर: उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं । इसके लिए राजनीतिक दल अपनी कमर कस रहे हैं। इसी सिलसिले में एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लीमीन) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कानपुर में रविवार को एक जनसभा को संबोधित किया. इस जनसभा में ओवैसी ने विरोधी दलों पर जमकर निशाना साधा।

ओवैसी ने कहा ,

" बीजेपी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी सिर्फ मुस्लिमों का इस्तेमाल कर रही हैं। सभी विपक्षी दलों के बीच मुसलमानों की दशा बैंड बाजा बजाने वालों जैसी हो कर रह गई है, जहां उन्हें (मुसलमानों को) पहले गाना बजाने के लिए कहा जाता है, लेकिन उसके बाद विवाह स्थल पर पहुंचने पर उन्हें बाहर खड़ा कर दिया जाता है। ओवैसी ने कहा कि यदि अपनी सियासी अहमियत बनानी तो हमारे( AIMIM ) लिए वोट करिये।

उत्‍तर प्रदेश की आबादी में अपेक्षाकृत कम हिस्‍सेदारी रखने वाले जाटव, यादव, राजभर और निषाद समेत विभिन्‍न जातियों का कमोबेश अपना-अपना नेतृत्‍व है, मगर जनसंख्‍या में 19 प्रतिशत से ज्‍यादा हिस्सेदार मुसलमानों का कोई सर्वमान्‍य नेतृत्‍व नजर नहीं आता है। राज्‍य मे 82 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां पर मुसलमान वोटर जीत-हार तय करने की स्थिति में हैं, मगर राजनीतिक हिस्‍सेदारी के नाम पर उनकी झोली में कुछ नहीं आता है। "

सैयद आसिम वकार

AIMIM के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता सैयद आसिम वकार ने मंच से कहा,

" हमारी पार्टी का मुख्‍य लक्ष्‍य मुसलमानों को अपनी कौम की तरक्‍की और बेहतर भविष्‍य के लिये एक राजनीतिक चिंतन करने और नेतृत्व चुनने के लिए जागरुक करना है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का वोट हासिल करती आयीं 'तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियों' ने भी कभी भी मुस्लिम नेतृत्‍व को उभरने नहीं दिया और सच्‍चर कमेटी की रिपोर्ट से जाहिर हो गया है कि मुसलमानों की हितैषी बनने वाली पार्टियों ने उन्‍हें किस हाल में धकेल रखा है । "

गौरतलब है कि ओवैसी की पार्टी AIMIM ने यूपी की 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ओवैसी की पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उनके सारे उम्मीदवार हर गए थे। हालांकि बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उसे सीमांचल की पांच सीटों पर जीत मिली थी। इससे उनकी पार्टी उत्साहित है और उत्तर प्रदेश में भी कामयाबी के प्रति उम्मीद लगा रही है।

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