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यास तूफान के बीच भी ओडिशा से जारी है ऑक्सिजन सप्लाई ताकि टूटने न पाएं सांसों की डोर

चक्रवाती तूफान 'यास' उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दस्तक दे चुका है। 130-150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। इसके बावजूद ओडिशा से बाकी देश में प्राण वायु ऑक्सिजन की सप्लाई जारी है ताकि सांसों की डोर न टूटने पाए

Manish meena

चक्रवाती तूफान 'यास' उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दस्तक दे चुका है। 130-150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। इसके बावजूद ओडिशा से बाकी देश में प्राण वायु ऑक्सिजन की सप्लाई जारी है ताकि सांसों की डोर न टूटने पाए।

ओडिशा से बाकी देश में प्राण वायु ऑक्सिजन की सप्लाई जारी है ताकि सांसों की डोर न टूटने पाए

ओडिशा का अंगुल। तूफान की वजह से सड़कें सूनी हैं। तेज हवाएं और बारिश

हो रही है। हवा की तेज सरसरहाट के बीच पुलिस की गाड़ियों की सायरन बज

रही हैं। ये गाड़ियां उन ऑक्सिजन टैंकरों को एस्कॉर्ट कर रही हैं जो दूसरे

शहरों और राज्यों को जा रही हैं। 4 ऑक्सिजन टैंकर अंगुल से हैदराबाद और

विशाखापत्तनम के लिए जा रहे हैं। 2 और टैंकर जयपुर से बेरहमपुर और

भुवनेश्वर के रास्ते में हैं। इन सभी के साथ ओडिशा पुलिस की गाड़ियां चल रही हैं ताकि टैंकर कहीं रास्ता न भटक जाएं, कहीं कोई बाधा न आ जाए।

ऑक्सिजन प्लांट तूफान के बीच भी चलता रहे इसके लिए एनडीआरएफ ने भी कमर कसी है

कोरोना संकट के बीच ओडिशा के अंगुल से मध्य, दक्षिण और उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में ऑक्सिजन एक्सप्रेस और सड़क मार्ग से मेडिकल ऑक्सिजन की सप्लाई होती है। यहां का ऑक्सिजन प्लांट तूफान के बीच भी चलता रहे इसके लिए एनडीआरएफ ने भी कमर कसी है। एनडीआरएफ के डीजी एस. एन. प्रधान ने दो दिन पहले ही कहा था कि ऑक्सिजन प्लांट्स को चालू हालत में रखना उनकी प्राथमिकता है। इसके लिए एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी तैनात की गई हैं।

आज राज्य तूफान की मार सह रहा है तब भी ऑक्सिजन सप्लाई का सिलसिला बदस्तूर जारी है

अप्रैल मध्य से मई के शुरुआती दिनों तक जब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम हिस्सों में ऑक्सिजन संकट पैदा हुआ था तब ओडिशा सरकार बिना किसी शोर के देश के तमाम राज्यों को प्राण वायु की सप्लाई बढ़ा रही थी। कभी ऑक्सिजन एक्सप्रेस के जरिए तो कभी सड़क मार्ग के जरिए तो कभी हवाई जहाज के जरिए ओडिशा से तमाम राज्यों को ऑक्सिजन की लगातार सप्लाई होती रही। कभी मुंबई तो कभी दिल्ली, कभी लखनऊ तो कभी रांची। देश के तमाम राज्यों, शहरों के लिए ओडिशा संकट मोचक बनकर उभरा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक खुद सप्लाई पर नजर रख रहे थे ताकि उखड़ती सांसों को प्राण वायु दी जा सके। आज राज्य तूफान की मार सह रहा है तब भी ऑक्सिजन सप्लाई का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

यास तूफान के मद्देनजर ओडिशा के संवेदनशील क्षेत्रों से 5.80 लाख लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया है और पश्चिम बंगाल में 15 लाख लोगों को शरणस्थलों में पहुंचाया गया है। ओडिशा के बालासोर और भद्रक जिलों के यास से सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई गई है।

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