पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) अब पूरी दुनिया में मुस्लिम देशों के मसीहा बनने की फिराक में हैं।
अपने देश के कट्टरपंथियों के सामने घुटने टेकते हुए इमरान अब पश्चिमी देशों में ईशनिंदा कानून बनवाने के लिए ब्लैकमेलिंग पर उतर आए हैं।
मुल्तान में दक्षिणी पंजाब सिविल सचिवालय के उद्धाटन समारोह में
इमरान खान ने कहा कि उनका लक्ष्य पश्चिमी देशों में यहूदियों के
जैसे ईशनिंदा कानून को बनवाने के लिए सभी मुस्लिम देशों को साथ में लेना है।
यहीं नहीं पाकिस्तान की कंगाली के बावजूद उन्होंने देश की जनता से पश्चिम के महंगे प्रोडक्ट्स के बॉयकॉट करने की अपील की है।
इमरान (PM Imran Khan) ने कहा कि यूरोप, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र से 1.25 बिलियन मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
इमरान कहा कि मुस्लिम देश ईशनिंदा करने वाले देशों को व्यापार बहिष्कार करने की चेतावनी के साथ ही इस मुद्दे पर एक संयुक्त कार्रवाई की योजना भी बनाएं।
इमरान ने कहा कि फ्रांस में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों के नाजी होलोकॉस्ट की सत्यता पर सवाल उठाना अपराध है,
इसके लिए जेल की सजा दी जा सकती है।
ऐसा कानून यूरोप के कई देशों में है।
हालांकि, मुस्लिम धर्म के पैगंबर सहित धार्मिक महापुरुषों के अश्लील कार्टून को प्रकाशित करने की आजादी है।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सरकार पहले से ही इस मुद्दे पर कई मुस्लिम देशों के संपर्क में है।
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने चार मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों के साथ इस पर चर्चा की थी।
इस दौरान इमरान खान प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के खिलाफ भी बोले,
लेकिन उनके शब्दों में नरमी झलक रही थी।
इमरान ने कहा कि टीएलपी पाकिस्तान सरकार पर बंदूक तानकर राजदूत को निष्कासित करवाने का रास्ता अख्तियार किए हुए है।
यह इस मुद्दे को सुलझाने का कारगर हल नहीं है।
कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार ने हिंसा भड़काने के मुख्य आरोपी और इस कट्टरपंथी संगठन के सरगना साद को रिहा कर दिया था।