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पीएम मोदी ने लॉन्च किया e-RUPI, बोले- डिजिटल भुगतान में जुड़ेगा नया आयाम, जानें इसके बारे में सबकुछ

e-RUPI एक डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म है, जिसे पूरी तरह से कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस बनाया गया है। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म यह सुनिश्चित करेगा कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए। आइए जानते हैं कि ई-रुपी क्या है, यह कैसे काम करेगा और इसका इस्तेमाल कहां किया जा सकता है।

Manish meena

e-RUPI एक डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म है, जिसे पूरी तरह से कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस बनाया गया है। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म यह सुनिश्चित करेगा कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए। आइए जानते हैं कि ई-रुपी क्या है, यह कैसे काम करेगा और इसका इस्तेमाल कहां किया जा सकता है।

डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम : मोदी

पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को

एक नया आयाम दे रहा है। ई-रुपी वाउचर, देश में डिजिटल

ट्रांजेक्शन को, डीबीटी को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका

निभाने वाला है। इससे टार्गेटेड, ट्रांस्पेरेंट और लीकेज फ्री डिलिवरी

में सभी को बड़ी मदद मिलेगी।

सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी को उनके इलाज में,

किसी की पढाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो,

वो कैश के बजाय ई-रुपी दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन,

उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है।

पीएम ने कहा कि ई-रुपी, एक तरह से पर्सन के साथ-साथ परपस स्पेसिफिक भी है।

जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है,

वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये ई-रुपी सुनिश्चित करने वाला है।

ई-रुपी क्या है?

ई-रुपी को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर विकसित किया है। यह डिजिटल भुगतान का पूरी तरह से कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस माध्यम है।

इसके क्या फायदे हैं?

व्यवस्था के उपयोगकर्ता अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना ही वाउचर की राशि को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है।

यह यह भी सुनिश्चित करता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए।प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है।यह डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन कल्याणकारी सेवाओं की भ्रष्टाचार-मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल हो सकता है।

ई-रुपी का उपयोग कहाँ किया जा सकता है?

इसका उपयोग आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, उर्वरक सब्सिडी आदि योजनाओं के तहत मातृ एवं बाल कल्याण योजनाओं, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, दवाओं और निदान के तहत दवाएं और पोषण सहायता प्रदान करने जैसी योजनाओं के तहत सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।

यहां तक ​​कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर का उपयोग कर सकता है।

यह कैसे काम करता है?

e-RUPI एक प्रीपेड ई-वाउचर है। यह क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग पर आधारित ई-वाउचर के रूप में काम करता है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल फोन पर पहुंचाया जाता है। प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ताओं को कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना वाउचर को भुनाने की अनुमति देगा। ई-रुपी सेवाओं के प्रायोजकों को बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ जोड़ता है।

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