इन सभी चारों सीटों पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है लेकिन पार्टी को चुनाव में नुकसान होने वाला है 
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राजस्थान राज्यसभा चुनाव: प्रियंका गाँधी यदि राजस्थान से राज्यसभा जाती है,तो क्या गहलोत और पायलट की दूरी हो सकती है कम ?

प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ-साथ उनके पति रॉबर्ट वाड्रा, पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के नाम पर विचार किया जा रहा है।

Ranveer tanwar

राजस्थान में राज्यसभा चुनाव होने वाले है और प्रियंका गाँधी राजस्थान से राज्यसभा जा सकती है। कांग्रेस पार्टी राज्यसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गयी हैं। राजस्थान में 10 सीटों में से 4 सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। जोकि आगामी 4 जुलाई को रिक्त होने वाली हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी उपयुक्त चेहरे की तलाश कर रही है। पार्टी अब तक जिन नामों पर विचार कर रही है, उनमें प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ-साथ उनके पति रॉबर्ट वाड्रा, पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के नाम पर विचार किया जा रहा है।

हालांकि जिन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से एक नाम सबसे ज्यादा चौंका देने वाला है और वो नाम है पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का। इन सभी चारों सीटों पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है लेकिन पार्टी को चुनाव में नुकसान होने वाला है। साल 2018 में राजस्थान की बदलती हुई सत्ता के चलते इन 4 में से 3 सीटों में ये साफ है। 4 में से 2 सीटें कांग्रेस को तो एक भाजपा को मिलने की पूरी संभावना है लेकिन एक सीट किसके पाले में जाती है, ये साफ नहीं है।

4 में से 2 सीटें कांग्रेस को तो एक भाजपा को मिलने की पूरी संभावना है लेकिन एक सीट किसके पाले में जाती है, ये साफ नहीं है।

पायलट और गहलोत के बीच की दूरी भी कम होगी

खासबात ये है कि प्रियंका गांधी वाड्रा के राजस्थान के रास्ते राज्यसभा जाने से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की दूरी जरूर थोड़ी कम हो सकती है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की सचिन पायलट से मुलाकात 3 घंटे की थी। जिसके बाद सचिन ने कहा कि 2 साल पुरानी कमेटी को लेकर उनकी कांग्रेस अध्यक्ष से चर्चा हुई। जिसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

वही राजस्थान में प्रस्तावित कांग्रेस चिंतन शिविर को लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है। कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर इस बार उदयपुर में ही कराए जाने को लेकर आलाकमान की मंजूरी मिल चुकी है। आलाकमान की मंजूरी के बाद चिंतन शिविर की तैयारियां भी तेज हो गई हैं।

पहले जयपुर और उदयपुर में कराने को लेकर मंथन चल रहा था। फिर सोनिया गांधी ने उदयपुर पर मुहर लगाकर फाइनल किया।

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