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दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर राजनीतिः संबित पात्रा के आरोप पर मनीष सिसोदिया का पलटवार, आखिर क्या है ऑक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट में

सुप्रीम कोर्ट की एक पैनल की रिपोर्ट को लेकर बीजेपी और दिल्ली सरकार एक बार फिर आमने-सामने हो गई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जब दिल्ली में कोरोना पीक पर था तब केजरीवाल सरकार ने जरूरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन की मांग की थी. इससे 12 राज्यों की आपूर्ति प्रभावित हुई

Manish meena

सुप्रीम कोर्ट की एक पैनल की रिपोर्ट को लेकर बीजेपी और दिल्ली सरकार एक बार फिर आमने-सामने हो गई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जब दिल्ली में कोरोना पीक पर था तब केजरीवाल सरकार ने जरूरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन की मांग की थी. इससे 12 राज्यों की आपूर्ति प्रभावित हुई।

सुप्रीम कोर्ट की एक पैनल की रिपोर्ट को लेकर बीजेपी और दिल्ली सरकार एक बार फिर आमने-सामने हो गई है

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस

कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि केजरीवाल के झूठ से 12 राज्य

प्रभावित हुए। 20-25 मिनट के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष

सिसोदिया ने कहा कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है. यह रिपोर्ट बीजेपी मुख्यालय में बैठकर बनाई गई है.

संबित पात्रा ने कहा-

संबित पात्रा ने कहा, "ऑक्सीजन को लेकर दिल्ली में जिस तरह की राजनीति की,

उस पर एक रिपोर्ट देखी है. दूसरी लहर में दिल्ली में कोहराम मच गया.

लेकिन केजरीवाल ने ऑक्सीजन पर जो राजनीति की वह इस रिपोर्ट से बेनकाब हो गई.

क्या कोई राजनीति कर सकता है. ऑक्सीजन पर भी?लेकिन केजरीवाल ने ऐसी ओछी राजनीति की।

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि केंद्र सरकार उतनी ऑक्सीजन नहीं दे रही, जितनी मांग है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि केजरीवाल ने जरूरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन की मांग की। उनके इस झूठ से 12 राज्य प्रभावित हुए।'

यह एक जघन्य अपराध है जो केजरीवाल ने किया-पात्रा

पात्रा ने आगे कहा कि आप कोरोना के समय फेल हो रहे थे और आपको किसी को दोष देना था, इसलिए आपने ऑक्सीजन की कमी का नाटक करना शुरू कर दिया। केजरीवाल दूसरे राज्यों पर आरोप लगाने लगे। केजरीवाल ने 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की थी। जब दिल्ली के अस्पतालों का ऑडिट किया गया तो पता चला कि केजरीवाल ने 4 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की मांग की थी. यह एक जघन्य अपराध है जो केजरीवाल ने किया है।

बीजेपी को चुनौती, ऐसी कोई रिपोर्ट हो तो सामने लाएं: सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने कहा, "भाजपा के नेता जिस रिपोर्ट के हवाले से केजरीवालजी को गालियां दे रहे हैं, ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं। भाजपा झूठ बोल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी बनाई थी। हमने इसके मेंबर्स से बात की है। सबका कहना है कि उन्होंने कोई रिपोर्ट साइन ही नहीं की है। जब ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के सदस्यों ने कोई रिपोर्ट साइन ही नहीं की है, अप्रूव ही नहीं की है तो फिर ये रिपोर्ट है कहां? ये कौन सी रिपोर्ट है? कहां से आई है? क्या कोई ऐसी रिपोर्ट है ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी की, जिसे मेंबर्स ने अप्रूव किया है और साइन किया है?'

"मैं चुनौती देता हूं भाजपा नेताओं को कि ऐसी रिपोर्ट लाइए। झूठ और मक्कारी की इंतेहा होती है और भाजपा उस चरम पर पहुंच गई है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मैं कहना चाहता हूं कि कानूनी मामलों में ऐसी चीजें ठीक नहीं है। अप्रैल में ऑक्सीजन का संकट खड़ा हुआ था। जिनके लोग भर्ती थी, वो इस बात को जानते हैं। इसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार है, जिसने पूरे देश में ऑक्सीजन मैनेजमेंट का बंटाढार कर दिया।'

बीजेपी नेताओं को शर्म आनी चाहिए

सिसोदिया ने आगे कहा कि भाजपा के नेताओं को ये महाझूठ बोलते हुए शर्म आनी चाहिए। भाजपा हेडक्वॉर्टर में बैठकर रिपोर्ट बनाते हैं ये लोग। इसके बाद अरविंद केजरीवालजी को गाली दी जाती है। ये उन तमाम लोगों को गाली दे रहे हैं, जिन्होंने केंद्र के मिस मैनेजमेंट के कारण अपने लोग खोए। मैं मोदीजी से निवेदन करता हूं कि अपने नेताओं को संभाल लें। ये भारतीय झगड़ा पार्टी बन गई है। अपने नेताओं को कुछ ढंग का काम दें।

क्या है रिपोर्ट में?

सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली सरकार ने कोरोना संकट के चरम पर जरूरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन की मांग की. इससे 12 राज्यों की आपूर्ति प्रभावित हुई।

दिल्ली सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के समय केंद्र से 1,140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की थी. रिपोर्ट के मुताबिक यह दिल्ली की जरूरत से 4 गुना ज्यादा है. उस समय दिल्ली में जितने ऑक्सीजन बेड थे, उसके हिसाब से दिल्ली को सिर्फ 289 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी.

अस्पतालों ने गलत आंकड़े दिए और दिल्ली में ऑक्सीजन की जरूरत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया

रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य तौर पर दिल्ली को 284 से 372 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन अधिक आपूर्ति की मांग के कारण अन्य राज्यों पर इसका असर पड़ा। पैनल दिल्ली के 4 अस्पतालों के प्रबंधन से भी इस बारे में पूछताछ कर रहा है। इन अस्पतालों में बेड के हिसाब से ज्यादा ऑक्सीजन की खपत हुई है। इनमें सिंघल अस्पताल, अरुणा आसिफ अली अस्पताल, ईएसआईसी मॉडल अस्पताल और लिफ़ेरे अस्पताल शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इन अस्पतालों ने गलत आंकड़े दिए और दिल्ली में ऑक्सीजन की जरूरत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया.

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