कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में ब्लैक फंगस के मामलों पर केंद्र से सवालों के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर सवाल किया है। उन्होंने लिखा, प्रधानमंत्री के लिए शर्म की बात है कि देश में न्यूनतम जीडीपी है और अधिकतम बेरोजगारी।
इससे पहले मंगलवार को ब्लैक फंगस पर केंद्र सरकार से सवाल करते हुए राहुल ने कहा, वह उपचार मुहैया कराने की बजाय जनता को औपचारिकताओं में क्यों फंसा रही है?
उन्होंने ट्वीट किया, "ब्लैक फंगस महामारी के बारे में केंद्र सरकार स्पष्ट करे कि एम्फोटेरिसिन-बी दवाई की कमी के लिए क्या किया जा रहा है? मरीज़ को यह दवा दिलाने की क्या प्रक्रिया है? इलाज देने की बजाय मोदी सरकार जनता को औपचारिकताओं में क्यों फंसा रही है?"
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी देश में म्यूकोर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामलों में बढ़ोतरी और जरूरी दवा की कथित कमी को लेकर चिंता प्रकट करते हुए कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि इस बीमारी के मरीजों को राहत प्रदान करने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाए जाएं।
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को एक बार फिर ट्वीट कर मोदी और केंद्र सरकार पर तंज कसा था। इस बार राहुल गांधी ने पीएम मोदी के मन की बात को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'कोरोना से लड़ने के लिए चाहिए- सही नीयत, नीति, निश्चय। महीने में एक बार निरर्थक बात नहीं।'
राहुल गांधी की यह टिप्पणी उस दिन आई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में देश को संबोधित किया।
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'झूठी छवि' के लिए उनकी सरकार के किसी विभाग के मंत्री किसी भी विषय पर बोलने को मजबूर हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री की झूठी छवि के लिए किसी भी विभाग का मंत्री किसी भी विषय पर कुछ भी बोलने के लिए मजबूर है।'
इससे पहले, कोरोना संकट को लेकर राहुल गांधी ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि टीकाकरण की जो गति अभी चल रही है वह यदि इसी प्रकार चलती रही तो उसके पूरा होने में तीन साल लग जाएंगे।