न्यूज – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान टेस्टिंग पर है। जितनी ज्यादा टेस्टिंग होगी उतनी ही जल्द हम कोरेाना को नियंत्रित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 4 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में 10 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने की योजना पर विभाग काम कर रहा है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि पहली खेफ में 10 हजार रैपिड टेस्टिंग किट हमें मिल गई हैं। दूसरी खेप में 1.25 लाख चिकित्सा विभाग को और मिल जाएंगी। उन्होंने बताया कि हालांकि यह एंटीबॉडी टेस्ट है लेकिन इसमें पॉजीटिव आते ही हम उसका पीसीआर टेस्ट करेंगे। उन्होंने बताया कि लंबित जांचों को निपटाने के लिए स्वयं मुख्यंमत्री ने उन सैंपल्स को दिल्ली की प्राइवेट लैब भेजना तय किया ताकि वास्तविक पॉजीटिव केसेज का पता का चल सके।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि रविवार दोपहर 2 बजे तक प्रदेश में 1431 कोरोना पॉजीटिव केसेज पाए गए हैं। इनमें से 205 पॉजीटिव से नेगेटिव भी हुए हैं और 97 लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया है। हालात अभी तक नियंत्रण में है उसका कामण भी ज्यादा जांचें करवाना ही है। उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा में भी 'रूथलैस कंटेनमेंट' के दौरान सघन जांचें की गई। सघन क्षेत्रों में भी मैपिंग कर उसकी जनसंख्या को आधार बनाकर क्लस्टर्स मॉडल पर रैंडम सैंपलिंग की जा रही हैं। ताकि क्षेत्र में कोरोना की ग्रेविटी का पता चले सके और संक्रमितों को क्वारेंटाइन या आइसोलेशन में रखने का निर्णय लिया जा सके।
डॉ. शर्मा ने बताया कि जब मार्च में पहला कोरोना पॉजीटिव केस आया था तब प्रदेश में एक भी जांच केंद्र नहीं था लेकिन मुख्यमंत्री के विजन के चलते प्रदेश में 8 जगहों पर जांच केंद्र विकसित किए गए। टेस्टिंग की क्षमता से बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी 33 जिलों में टेस्टिंग सुविधा विकसित करने का भी लक्ष्य रखा गया है ताकि कोरोना या कोई भी अन्य बीमारियों का तुरंत जांच हो सके और स्थिति अविलंब नियंत्रित किया जा सके।