डेस्क न्यूज. सीएम अशोक गहलोत रविवार को अलग-अलग राजनीतिक मुद्दों पर मुखर होते दिखे. मुख्यमंत्री के 6 सलाहकारों की नियुक्ति को लेकर हाल में उठे विवादों पर सीएम गहलोत ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि उन्हें कैबिनेट मंत्री या राज्य मंत्री का दर्जा नहीं मिलेगा. सीएम गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम सरकार चला रहे हैं और हम यह भी जानते हैं कि किसे सलाहकार बनाया जा सकता है और किसे नहीं. उन्होंने कहा कि मीडिया इसे बेवजह मुद्दा बना रही है। संसदीय सचिवों और सलाहकारों की नियुक्तियां पहले हो चुकी हैं, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें सुविधाएं और दर्जा नहीं दिया जा सकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अभी तक सलाहकारों को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है
क्योंकि हम कोई अनावश्यक विवाद नहीं चाहते हैं.
लेकिन अगर मैं किसी की सलाह लूं तो क्या दिक्कत हो सकती है?
गहलोत ने कहा कि मैं किसी भी मुद्दे पर किसी से भी सलाह ले सकता हूं
और किसी भी पत्रकार, साहित्यकार या किसी और को अपना सलाहकार बना सकता हूं.
मुख्यमंत्री के इस बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि अब संसदीय सचिवों की नियुक्तियों पर भी संकट आ सकता है.
वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने उत्तर प्रदेश में बेरोजगार युवकों के धरने को लेकर कहा
कि भाजपा के लोग उन्हें भड़का रहे हैं, नहीं तो लखनऊ में राजस्थान के बेरोजगारों
को धरना देने का क्या मतलब है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों के कार्यालयों
या नेताओं के घरों के बाहर इस तरह का धरना देना गलत है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा
कि राजस्थान को सबसे ज्यादा रोजगार मिल रहा है लेकिन जो छात्र पढ़ाई नहीं करते हैं
वे यूनियन बनाकर अनावश्यक दबाव बनाना चाहते हैं. गहलोत ने यहां तक कहा कि
आंदोलन कर रहे कुछ बेरोजगारों में आगे चुनाव लड़ने की इच्छा है
और वे राजनीतिक दलों के टिकट की दौड़ में लगे हुए हैं.
वहीं, हाल ही में चर्चा में रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बयानों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हो सकता है कि उन्हें कुछ परेशानी हुई हो. पद को लेकर हर किसी की अपनी-अपनी अपेक्षाएं होती हैं और सभी अपने आप में बेहतर होते हैं लेकिन सभी को समान रूप से संतुष्ट नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मैं उनसे इस संबंध में बात करेंगे तो कोई न कोई रास्ता निकलेगा. गहलोत ने कहा कि कैबिनेट पुनर्गठन में अच्छा तालमेल बनाने का प्रयास किया गया लेकिन सभी को संतुष्ट नहीं किया जा सकता. गुढ़ा को लेकर मुख्यमंत्री के बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार का उनके प्रति नरम रुख है।
गहलोत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए सीधे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमला बोला. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं मिलने के मुद्दे पर गहलोत ने कहा कि अगर गजेंद्र सिंह शेखावत प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा को भी पूरा नहीं कर पाए, तो क्या उन्हें मंत्री के रूप में बने रहने का अधिकार है। वह हमारे अपने मंत्री हैं लेकिन क्या वह दिल्ली में राजस्थान की वकालत कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि केंद्र में राज्य से चार मंत्री हैं लेकिन क्या वे राजस्थान की रक्षा करने में सक्षम हैं? गहलोत ने कहा कि राजस्थान के सभी सांसद भाजपा के हैं, लेकिन राज्य के भाजपा नेताओं के पास तथ्यों की आधी अधूरी जानकारी है.