क्या आपने लाल भिंडी का स्वाद चखा है? लाल भिंडी देखने और सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह खाने में स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है. अब तक आपने हरी भिंडी तो देखी ही होगी। लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के किसान मिश्रीलाल राजपूत ने अपने खेतों में लाल भिंडी उगा ली है. यह भिंडी हरी भिंडी से काफी अलग है। इस भिंडी का रंग ही नहीं बल्कि इसकी कीमत और पौष्टिकता भी हरी भिंडी से कई गुना ज्यादा होती है।
किसान मिश्रीलाल राजपूत कुछ समय पहले बनारस स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान गए थे। इसी दौरान उन्हें लाल भिंडी के बारे में पता चला और उन्होंने इसे अपने खेत में लाल भिंडी उगाकर भी दिखाया। वैसे तो लाल भिंडी यूरोपीय देशों की फसल है, लेकिन अब यह भारत में भी उगने लगी है।
उपज और कीमत से खुश किसान मिश्रीलाल ने बताया कि लाल भिंडी क्यों खास है. उन्होंने यह भी बताया कि यह भिंडी बाजार में इतनी महंगी क्यों बिक रही है।
लाल भिंडी हरी भिंडी की तुलना में अधिक पौष्टिक होती है। जो लोग हृदय रोग या ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं उनके लिए लाल भिंडी बहुत फायदेमंद साबित होती है। इसके अलावा जिन लोगों को डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है उनके लिए भी यह भिंडी बहुत अच्छी मानी जाती है।
भिंडी उगाने की प्रक्रिया के बारे में किसान ने कहा, "मैंने इस भिंडी का बीज वाराणसी के कृषि अनुसंधान संस्थान से खरीदा था. इसकी बुवाई जुलाई के पहले सप्ताह में की गई थी. करीब 40 दिन बाद भिंडी की फसल तैयार हुई
मिश्रीलाल राजपूत ने यह भी कहा कि इसकी खेती में कोई हानिकारक कीटनाशक नहीं डाला गया है। फसलों की उपज के बारे में उन्होंने कहा कि एक एकड़ में कम से कम 40-50 क्विंटल से 70-80 क्विंटल भिंडी की खेती की जा सकती है.
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने इसकी देशी किस्म काशी लालिमा तैयार की है। यह किस्म आसानी से तैयार नहीं होती, इसे तैयार करने में 8 से 10 साल का समय लगा। भोपाल के किसान मिश्रीलाल वाराणसी से 2400 रुपये में 1 किलो लाल भिंडी के बीज लाए और उन्होंने इस साल जुलाई के पहले सप्ताह में इन बीजों को बोया। फिर क्या था, जब फसल आने लगी तो आस-पास के किसानों के लिए कौतूहल का विषय बन गया। क्योंकि यहां के लोगों ने पहली बार लाल भिंडी देखी थी।
बता दें कि हरी भिंडी की तुलना में इस भिंडी की फसल 45 से 50 दिन में तैयार हो जाती है। एक पौधे में 50 भिंडी पैदा की जा सकती है। एक एकड़ भूमि में 40 से 50 क्विंटल लाल भिंडी का उत्पादन हो सकता है। अगर मौसम अच्छा रहा तो यह उत्पादन बढ़कर 80 क्विंटल हो सकता है।
किसान मिश्रीलाल राजपूत ने बताया कि वह इस भिंडी को सामान्य बाजार में नहीं बेचेंगे। यह भिंडी सेहत की दृष्टि से बहुत फायदेमंद होती है, इसलिए बड़े मॉल और सुपरमार्केट में बिकेगी। उन्होंने बताया कि बाजार में इसकी कीमत 250 से 500 ग्राम 350 से 400 रुपये है. एक किलो भिंडी की कीमत 800 रुपये है.
इस फसल की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें मच्छर या अन्य कीड़े नहीं होते हैं, क्योंकि इसका रंग लाल होता है। हरी सब्जियों में क्लोरोफिल पाया जाता है, जो कीड़ों को पसंद आता है। यही कारण है कि इस लाल भिंडी में कीड़े नहीं होते हैं। दूसरी विशेषता यह है कि इसमें एंथोसाइनिन नामक एक विशेष तत्व होता है, जो गर्भवती महिलाओं, चमकती त्वचा और बच्चों के मानसिक विकास के लिए उपयोगी है। इतना ही नहीं लाल भिंडी से हृदय रोग, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी कम होती है।