जब से यह बताया गया है कि रूस पाकिस्तान को सैन्य उपकरण मुहैया कराएगा और उसके साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करेगा, भारत-रूस के बीच दशकों पुराने संबंधों के बारे में कई सवाल किए गए हैं। इस तरह के कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या रूस अब पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है या वह भारत को कम महत्व दे रहा है, लेकिन खुद रूस ने भी अब भारत की अहमियत दिखाते हुए पाकिस्तान को आईना दिखाया है। भारत को "विश्वसनीय भागीदार" बताते हुए, रूस ने बुधवार को कहा कि दोनों देशों के बीच कोई मतभेद या गलतफहमी नहीं है और स्वतंत्र संबंधों के आधार पर पाकिस्तान के साथ 'सीमित सहयोग' है।
रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबूश्किन ने हाल ही में नियंत्रण
रेखा के साथ 2003 के संघर्ष विराम समझौते का सख्ती से पालन
करने के लिए भारत और पाकिस्तान की प्रतिबद्धता का स्वागत किया
और कहा कि यह 'क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम' था।
बाबूश्किन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में,
रूसी राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने पश्चिमी देशों की इंडो-पैसिफिक रणनीति की आलोचना की, इसे खतरनाक और शीत युद्ध
की मानसिकता को पैदा करने का प्रयास बताया।
वहीं, बाबुश्किन ने कहा कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर क्षेत्रीय आम सहमति बनाने की प्रक्रिया में भारत को हिस्सा होना चाहिए तथा अफगान शांति प्रक्रिया को लेकर नयी दिल्ली और मास्को का रूख समान है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की भारत यात्रा और इस्लामाबाद की उनकी बाद की यात्रा के बारे में एक सवाल के जवाब में, बाबुश्किन ने कहा कि रूस के पाकिस्तान के साथ स्वतंत्र संबंध हैं और यह किसी के साथ रिश्तों को किसी और के खिलाफ लक्षित नहीं करता है ।
उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि यह देखने का कोई कारण नहीं है कि हमारे बीच कोई अंतर या गलतफहमी है। भारत-रूस संबंधों में ऐसी कोई बात नहीं है। 'दूसरी ओर, कुदाशेव ने कहा कि भारत रूस का एक विश्वसनीय सहयोगी है और दोनों देशों के बीच संबंध समान, समग्र, सद्भावना, ठोस और भविष्य हैं।
रूसी विदेश मंत्री लावरोव की 6 अप्रैल की भारत यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि इसका मकसद इस साल के अंत में संभावित भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों से संबंधित था। इस बीच बाबूश्किन ने कहा कि भारत, पाकिस्तान, रूस सभी एससीओ के सदस्य हैं और उनका क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग है। उन्होंने कहा कि भारत के मुकाबले रूस का पाकिस्तान के साथ सीमित सहयोग है। उन्होंने हालांकि कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई साझा एजेंडा है। यही कारण है कि हम पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी उपकरणों और समर्पित अभ्यास में सहयोग करते हैं।