न्यूज – निर्माता नितिन मनमोहन की बेटी प्राची, अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे के बेटे प्रियांक और अभिनेता रवि किशन की बेटी रीवा के साथ मिलकर बंटी और बबली, चक दे इंडिया और डॉन जैसी फिल्मों में सहायक निर्देशक रहे करण विश्वनाथ कश्यप ने बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म बनाई है, सब कुशल मंगल यानी बोले तो ऑल इज वेल, सब कुशल मंगल के साथ साल के पहले शुक्रवार को सनी कौशल और रुखसार की फिल्म भंगड़ा पा ले भी रिलीज हुई है।
पहले देखते हैं हाल सब कुशल मंगल का, दहेज के चक्कर में शादियों में रुकावट महसूस करने वालों की मदद करने वाला एक नेता टाइप मवाली है बाबा भंडारी, लोकल न्यूज चैनल का टीवी पत्रकार पप्पू मिश्रा उसे परेशान करता है तो वह उसकी शादी मंदिरा शुक्ला से कराकर बदला लेना चाहता है, मामला उल्टा तब पड़ता है जब पप्पू और मंदिरा के बीच लव स्टोरी शुरू हो जाती है, प्रेम के दो कोण बनते हैं तो बाबा भंडारी इसका त्रिभुज बनाना चाहता है, और, इस खींचतान में फिल्म आयताकार होकर चारों कोनों से फैल जाती है।
प्रियांक शर्मा और रीवा की तरह करण की भी ये पहली फिल्म है, बिजेंद्र काला के साथ मिलकर उन्होंने फिल्म की पटकथा तो अच्छी गढ़ी पर बतौर निर्देशक वह इसे कागजों पर लिखे अक्षरों जैसा करिश्माई बना नहीं पाए, बिजेंद्र काला ने फिल्म के संवाद भी लिखे हैं, दोनों चीजें करण की मदद करती भी दिखती हैं, फिल्म की चौसर भी वह सही बिछाते हैं लेकिन थोड़ी देर बाद ही फिल्म शतरंज के खेल से निकलकर खो खो बन जाती है, समझ नहीं आता कि क्यों हर कलाकार दूसरे को खो बोल रहा है और दूसरा भी है कि बस भागे जा रहा है।