डेस्क न्यूज़- एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ को लेकर खबर आ रही है कि पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, उन्हें राजस्थान में पायलट और गहलोत के बीच विवाद को सुलझाना है, पिछले एक साल से दोनों नेताओं के बीच जबरदस्त खींचतान चल रही है, कमलनाथ के सचिन पायलट और अशोक गहलोत से अच्छे संबंध हैं, कमलनाथ 11 जून को दिल्ली में सचिन पायलट से भी मिल चुके हैं, वहीं कमलनाथ को अब अस्पताल से छुट्टी मिल गई है,कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही जयपुर पधार सकते हैं।
दरअसल, कमलनाथ गांधी परिवार के करीबी और भरोसेमंद लोगों में शामिल हैं, इससे पहले राजस्थान विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी अहमद पटेल के पास थी, उनके निधन के बाद आलाकमान की जिम्मेदारी कमलनाथ के पास है, सचिन पायलट और गहलोत के बीच विवाद अब बढ़ता ही जा रहा है और पार्टी के कुछ बड़े नेता पायलट के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस आलाकमान की चुनौती बढ़ती जा रही है।
कमलनाथ के गहलोत और सचिन पायलट से अच्छे संबंध हैं, एमपी उपचुनाव में कमलनाथ की अपील पर सचिन पायलट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ प्रचार किया, जबकि सिंधिया और पायलट के बीच अच्छी दोस्ती है, इसके साथ ही कमलनाथ के अशोक गहलोत से भी अच्छे संबंध हैं, खबरों के मुताबिक कमलनाथ जल्द ही बैठक के लिए जयपुर आ सकते हैं।
दरअसल, कांग्रेस में सेकेंड लाइन लीडरशिप की कमी है, केंद्र से लेकर राज्यों तक का यही हाल है, युवा नेताओं का पार्टी से मोहभंग हो रहा है, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद जितिन प्रसाद भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं, ऐसे में कांग्रेस का एक धड़ा पार्टी में सेकेंड लाइन लीडरशिप की मांग कर रहा है, मप्र में कमलनाथ के करीबी रहे पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी मीडिया से बात करते हुए यह मांग की है।