पाकिस्तान के कराची व सिंध प्रांत इलाके में शनिवार शाम को आसमान में अचानक रहस्यमयी तेज चमक दिखाई दी जो कि कुछ देर बाद गायब हो गई। बताया जा रहा है कि यह उल्का पिण्ड था जिसकी पूंछ दूर से ही नजर आ रही थी। चश्मदीदों का कहना था कि उन्होंने शाम करीब 7 बजे उल्का पिण्ड को गिरते देखा गया।
पाकिस्तानी खगोलविदों ने उल्का पिंड गिरने की पुष्टि करते हुए कहा कि उल्कापिंड धरती के वातावरण में आते ही जल गया होगा और फिर बाद में यह धरती पर गिरा होगा। मौसम विशेषज्ञ जवाद मेमन ने कहा कि इस तरह के उल्कापिंड इंसानों के लिए खतरा नहीं होते हैं। उल्कापिंड आसमानी चट्टान होती है जो धरती के वातावरण में प्रवेश करने पर अत्यधिक दबाव का सामना करती है और गर्म होकर जल उठती है।
नासा के मुताबिक जो चमकती हुई पूंछ दिखाई देती है, वह वास्तव में चट्टान नहीं बल्कि वह गर्म हवा होती है। जब धरती पर बडे़ पैमाने पर उल्कापिंड गिरते हैं तो इसे उल्कापिंडों की बारिश कहा जाता है। धरती के वातावरण में हर दिन हजारों की तादाद में उल्कापिंड प्रवेश करते हैं। इनमें से ज्यादातर समुद्र और बंजर इलाकों में गिरते हैं। कई उल्कापिंड दिन में गिरते हैं, इसलिए वे दिखाई नहीं देते हैं।
जो उल्कापिंड रात में गिरते हैं, उनके दिखाई देने की पूरी संभावना होती है। उल्कापिंडों के गिरते समय कई बार तेज आवाज भी आती है। कराची में उल्कापिंड की रोशनी देखकर कई लोग घबरा गए और अपने घरों से बाहर आ गए। सोशल मीडिया पर लिखे अपने पोस्ट में लोगों ने बताया कि इस उल्कापिंड की चमक नीले रंग की थी और देखने में बहुत ही आकर्षक नजर आ रहा था।
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