नागौर में आसमान से गिरे आग के गोले एक्सपर्ट्स बोले ये आम बात नहीं, CCTV में कैद हुई घटना

 
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नागौर में आसमान से गिरे आग के गोले एक्सपर्ट्स बोले ये आम बात नहीं, CCTV में कैद हुई घटना देखें वीडियो

एक्सपर्ट्स ने पहले बताया कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जो सामान्य हैं, लेकिन जब उन्होंने यह वीडियो देखा तो उनके होश उड़ गए, उन्होंने बताया कि यह सामान्य क्वाड्रैटिड शावर (उल्का पिंड) से काफी बड़ा था, गनीमत रही कि हवा में विस्फोट हो गया

Deepak Kumawat

राजस्थान के नागौर में एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, वीडियो में आसमान से आग के गोले जमीन पर गिरते नजर आए, विज्ञान के हिसाब से इसे उल्का पिंड या गिरता हुआ तारा कहा जाता है, लेकिन उनमें से अधिकांश जमीन पर पहुंचने से पहले हवा में जलकर नष्ट हो जाते हैं, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ वीडियों में साफ जमीन से टकराते देखा जा सकता हैं ।

यह कोई आम घटना नहीं
इसे देखकर एक्सपर्ट्स भी दंग रह गए, एक्सपर्ट्स ने बताया कि यह कोई आम घटना नहीं बल्कि एक बड़ी खगोलीय घटना है, घटना नागौर जिले के बदायली गांव की है, यहां मौजूद लोगों ने बताया कि देर रात अचानक तेज धमाके की आवाज के साथ एक चमकती रोशनी दिखाई दी।

ना ही निशान, ना कोई नुकसान

घटना दो दिन पुरानी बताई जा रही हैं ये पूरी खगोलीय घटना खेत के सामने बने एक होटल के सीसीटीवी में कैद हो गई, वीडियो में दिख रहा है कि सबसे पहले आसमान में तेज रोशनी होती है, इसके बाद जलती हुई गेंदें जोरदार धमाके के साथ जमीन पर गिरती हैं, यह एक उल्कापिंड था, जो जलते हुए खेत में गिर गया, हालांकि यहां के लोगों ने बताया कि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है, न ही इसके निशान मौके पर मिले हैं।

एक्सपर्ट्स ने शुरू की रिसर्च
एक्सपर्ट्स ने पहले बताया कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जो सामान्य हैं, लेकिन जब उन्होंने यह वीडियो देखा तो उनके होश उड़ गए, उन्होंने बताया कि यह सामान्य क्वाड्रैटिड शावर (उल्का पिंड) से काफी बड़ा था, गनीमत रही कि हवा में विस्फोट हो गया, उन्होंने बताया कि इस वीडियो के आधार पर उन्होंने शोध शुरू किया है, शोध पूरा होते ही वे जानकारी साझा करेंगे।
ऐसे वीडियो कम ही देखने को मिलते हैं, उल्का पिंड जिन्हें हम गिरता हुआ तारा भी कहते हैं, हमेशा अंतरिक्ष में मौजूद रहते हैं, पृथ्वी अपने गुरुत्वाकर्षण से उसे अपनी ओर खींचती रहती है।
मौसम विशेषज्ञ नीलेश पुरोहित

उल्कापिंड पर नासा कर रहा हैं शोध

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा उल्कापिंडों की दिशा बदलने पर शोध कर रही है, इसने पिछले साल 24 नवंबर को एक अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है, इसे डार्ट मिशन का नाम दिया गया है, यह सितंबर 2022 में डिडिमोस नाम के उल्कापिंड से टकराएगा, इस टक्कर के आंकड़ों का विश्लेषण करके यह पता लगाया जाएगा कि पृथ्वी से टकराने वाले उल्का पिंडों की दिशा और गति को कैसे बदला जा सकता है।

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