न्यूज – मालवा-निमाड़ अंचल की पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों की दृष्टि से भाजपा, कांग्रेस से कहीं आगे प्रतीत हो रही है। सूत्रों के अनुसार समिधा(राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र मुख्यालय) के थिंक टैंक ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत की जोड़ी द्वारा बनाई गई चुनावी रणनीति पर मुहर लगा दी है।
इस रणनीति के अनुसार मालवा-निमाड़ की सभी पांच विधानसभा सीटों यथा मंदसौर लोकसभा क्षेत्र की सुवासरा, देवास – शाजापुर लोकसभा क्षेत्र की आगर और हाटपिपलिया, धार लोकसभा क्षेत्र की बदनावर और इंदौर संसदीय क्षेत्र की सांवेर विधानसभा सीटों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संयुक्त रैलियां करेंगे। भाजपा इन सभी 5 सीटों पर अपने पूर्णकालिक प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं को विधानसभा प्रभारी के रूप में पहले ही नियुक्त कर चुकी है।
पार्टी की ओर से उज्जैन और इंदौर संभाग के संभागीय संगठन मंत्री क्रमशः जितेंद्र लिटोरिया और जयपाल सिंह चावड़ा मुख्य रूप से चुनावी व्यवस्थाओं और बूथ मैनेजमेंट को मॉनिटर करेंगे। भारतीय जनसंघ के समय से परंपरा है कि संभागीय संगठन मंत्री प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री के प्रति जवाबदेह होते हैं। इन संभागीय संगठन मंत्रियों की नियुक्तियां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय करणधारों की सहमति से होती है। सनद रहे मालवा- निमाड़ अंचल की 5 में से 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के इस्तीफे से रिक्त हुई सीटों पर हो रहे हैं, जबकि आगर अनुसूचित जाति सीट पर चुनाव भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तथा विधायक मनोहरलाल उंटवाल के निधन के कारण हो रहा है।
चुनावी तैयारियों में भाजपा कांग्रेस के मुकाबले इसलिए भी बढ़त लिए हुए हैं क्योंकि मालवा – निमाड़ अंचल की 5 में से 4 विधानसभा सीटों पर उसके प्रत्याशी पहले से ही तय हैं। यह चारों प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। इनके नाम हैं सुवासरा से हरदीप डंग, हाटपिपलिया से मनोज चौधरी, सांवेर से प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव।
भाजपा को केवल आगर अनुसूचित जाति सुरक्षित विधानसभा सीट के लिए अपना प्रत्याशी घोषित करना है। आगर की सीट परंपरागत रूप से जनसंघ और भाजपा का गढ़ रही है। यहां जनसंघ और भाजपा अपवाद स्वरूप केवल दो बार ही चुनाव हारी है अन्यथा 7 बार से यहां से जनसंघ अथवा भाजपा का प्रत्याशी ही विजयी हुआ है। सूत्रों के अनुसार निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना जारी होने के तुरंत बाद पार्टी आगर से अपना प्रत्याशी घोषित कर देगी।