टोक्यो ओलंपिक में भारत की सुबह स्वर्ण और रजत के साथ हुई। अवनि लखेरा ने निशानेबाजी में देश का पहला स्वर्ण पदक जीता। पुरुषों के F57 वर्ग में, योगेश कथूनिया ने डिस्कस थ्रो में रजत पदक जीता। वहीं, जेवलिन में भारत को दो मेडल मिले। दो बार के स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया ने तीसरा पदक जीता। उन्होंने 64.35 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता। जबकि सुंदर गुर्जर ने 64.01 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता।
जयपुर की रहने वाली अवनी पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने
वाली पहली महिला भी हैं। अवनी ने महिलाओं की 10 मीटर एयर
राइफल के एसएच1 वर्ग के फाइनल में 209 अंक हासिल कर स्वर्ण
पदक जीता। इससे पहले उन्होंने क्वालीफिकेशन राउंड में 7वें स्थान
पर रहकर फाइनल में जगह बनाई थी।
अवनी पैरालिंपिक में पदक जीतने वाली तीसरी निशानेबाज भी हैं। उनसे पहले दीपा मलिक ने रियो में रजत और टोक्यो पैरालिंपिक में व्हीलचेयर टेबल टेनिस में रजत पदक जीता था।
अवनि लखेरा और उनके पिता प्रवीण लखेरा का 2012 में जयपुर से धौलपुर जाते समय एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें उसके पिता और वह घायल हो गए। कुछ समय बाद उसके पिता ठीक हो गए, लेकिन अवनि को तीन महीने अस्पताल में बिताने पड़े, फिर भी रीड की हड्डी में चोट के कारण वह खड़े होकर चल नहीं पा रही थी। तब से वह व्हील चेयर पर हैं।
अवनि कुछ दिनों तक डिप्रेशन में रही और कुछ दिनों के लिए खुद को कमरे में बंद कर लिया। माता-पिता के निरंतर प्रयासों के बाद अवनि में आत्मविश्वास लौट आया और अभिनव बिंद्रा की जीवनी से प्रेरणा लेकर उन्होंने शूटिंग शुरू कर दी।
योगेश कथूनिया ने डिस्कस फेंक में 44.38 मीटर फेंककर भारत के लिए तीसरा रजत पदक जीता। यह टोक्यो में भारत का पांचवां पदक है। भावनाबेन पटेल ने महिला टेबल टेनिस की क्लास-4 कैटेगरी में रजत पदक जीता। वहीं, पुरुषों की टी-47 ऊंची कूद में निषाद कुमार ने 2.06 मीटर की छलांग लगाकर भारत के लिए एक और रजत पदक अपने नाम किया। जबकि डिस्कस थ्रो में विनोद कुमार ने कांस्य पदक जीता। हालांकि, बाद में योग्यता विवाद के कारण विनोद कुमार का परिणाम रोक दिया गया।