डेस्क न्यूज़ – इराक में सदी में दूसरी बार दुर्लभ नजारा देखने को मिला है। यहां पर 48 घंटे में 4 इंच से ज्यादा बर्फबारी हुई है। खाड़ी देशों में पानी मिलना ही बेहद मुश्किल है, ऐसे में अचानक बर्फबारी ने मौसम खुशनुमा बना दिया। तापमान गिरकर 5° पर पहुंच गया। इराक की यह बर्फबारी सदी की सबसे शानदार बर्फबारी कही जा रही है। इससे पहले 2008 में बर्फबारी तो हुई थी, पर इतनी नहीं थी। इतनी बर्फ तो 1914 में ही दिखी थी।
मौसम विभाग के अनुसार, बर्फबारी का यह सिलसिला 48 घंटे तक चल सकता है। बर्फ की सफेद चादर बगदाद समेत शिया समुदाय के पवित्र शहर कर्बला और मोसुल में भी दिखाई दी। बर्फबारी उत्तरी इराक में सामान्य है, लेकिन मध्य और दक्षिणी इराक में यह दुर्लभ है। आमतौर पर इराक में भीषण गर्मी रहती है। हाल के वर्षों में गर्मी में बगदाद का तापमान 51 डिग्री तक चला गया था।
वर्ल्ड मेट्रोलोजिकल डिपार्टमेंट के मुताबिक, इराक में फरवरी में बर्फ गिरना दुर्लभ है। यूरोप में तूफान और बर्फीली हवाओं के कारण मौसम में बदलाव हुआ है। पिछले महीने संयुक्त अरब अमीरात में भी जोरदार बारिश हुई थी। इन बदलावों की बड़ी वजह तो क्लाइमेट चेंज ही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र का तापमान कनेक्टिव सिस्टम को प्रभावित करता है।
पिछले कुछ साल में क्लाइमेट चेंज के कारण इस तापमान में बढ़ोतरी हुई है। इसका असर साफ दिखने लगा है। ग्रीन हाउस गैसों का निकलना भी इसकी एक बड़ी वजह है। खाड़ी देश बड़ी मात्रा में इन गैसों का उत्सर्जन करते हैं। 2018 में भी इसी वजह से मौसम असामान्य हुआ था और सूखा पड़ा था। लेकिन अगले ही साल भारी बारिश और बाढ़ ने घरों और फसलों को तबाह कर दिया था। इस साल की शुरुआत से ही मौसम ने अलग–अलग रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं। इस पूरे सालभर मौसम बदलता रहेगा।
पिछले 4 महीने से इराक में सरकार विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं, पर बर्फबारी के चलते प्रदर्शन भी रुक गए। प्रदर्शनों, धमाकों और आगजनी के बीच बर्फबारी ने लोगों को सुकून दिया। लोग घरों से निकल बर्फबारी का आनंद लेते दिखे और तस्वीरें खींची।