कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है और सभी आयु वर्ग के लोग इसके शिकार हो रहे हैं, इसलिए सरकार को टीकाकरण की उम्र को घटाकर 25 वर्ष कर देना चाहिए। सोनिया गांधी ने शनिवार को पार्टी की सर्वोच्च नीति-निर्माण संस्था कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को कोरोना के प्रसार के मद्देनजर टीकाकरण की उम्र को फिर से विचार करना चाहिए और स्वास रोग, मधुमेह तथा किडनी रोग जैसी घातक बीमारियों से पीड़ित 25 साल से ज्यादा उम्र के युवकों को भी यह टीका लगाया जाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश में कई जगहों से वैक्सीन की कमी की
खबरें हैं, लेकिन सरकार ने साढ़े छह करोड़ से अधिक टीकों का निर्यात किया।
उन्होंने कहा कि कोरोना में भारत में सबसे अधिक मरीज हैं, और उनकी संख्या को देखते हुए, सरकार को सबसे पहले इसका
इस्तेमाल अपने लोगों को सुरक्षा देने के लिए करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उन्होंने पूर्व में कोरोना की स्थिति पर कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की थी और समस्या को
प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया था, लेकिन सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विपक्ष की नहीं सुनती है और उसके सुझाव पर विचार नहीं करती है।
उन्होंने कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं की रचनात्मक सलाह पर विचार करने के बजाय उनके मंत्री सुझावों का मजाक बनाने
की बचकानी कोशिश करते है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में, सरकार को पहले इस महामारी से लड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाने
वाले उपकरणों पर माल और सेवा कर (जीएसटी) को हटा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह दुखद स्थिति है कि सरकार मेडिकल सिलेंडर आदि पर 12 फीसदी तक जीएसटी लगा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को कोरोना से निपटने के लिए प्रयास करना चाहिए
और आंशिक रूप से कर्फ्यू, ट्रैफिक प्रतिबंध और लॉकडाउन जैसी स्थिति से आगे की रणनीति पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो गरीबों के लिए जीवन मुश्किल हो जाएगा।