डेस्क न्यूज़- उत्तराखंड में बुधवार को हुई भारी बर्फबारी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई। वसंत पंचमी पर्व पर चमोली में कई जगहों पर शादी समारोह आयोजित किया गया था। बर्फबारी नहीं रुकी तो दूल्हे राजा बर्फ के बीच ही दुल्हनिया लेने पहुंच गए। इस दौरान बरात चार किलोमीटर पैदल चलकर दुल्हन के घर पहुंची।
घाट विकास खंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बर्फबारी में ही शादी की रश्में संपन्न हुई। बर्फबारी से ग्रामीणों की दुश्वारियां तो बढ़ जाती हैं, लेकिन ग्रामीण विकट भौगोलिक परिस्थितियों में भी अपनी परेशानियों को भूलकर उत्साह के साथ धार्मिक और शादी समारोह का आयोजन करते हैं।
चमोली जिले में दो दिनों तक हुई बारिश और बर्फबारी के बाद सभी जगह बर्फ की मोदी चादर बिछी है। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब के साथ ही फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, नंदा घुंघटी, लाल माटी, ईराणी, पाणा, झींझी के साथ ही नीती और माणा घाटी बर्फ से लकदक है।
बदरीनाथ धाम में करीब दस फीट और हेमकुंड साहिब में 13 फीट तक बर्फ जम गई है। करीब 140 गांव बर्फ में कैद हो गए हैं। आम रास्ते, पेयजल स्रोत और खेत-खलियान बर्फ से ढक गए हैं। बारिश और बर्फबारी थमने के बाद भी कड़ाके की ठंड से लोगों को निजात नहीं मिली है।
हेमकुंड साहिब परिसर में लगभग 13 फीट बर्फ है और घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक छह किलोमीटर का आस्था पथ भी बर्फ से ढका है। हर साल बर्फ को हटाने के लिए गुरुद्वारा प्रबंधन सेना के जवानों की मदद लेता है।