न्यूज – अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने का आदेश दिया था, बगदाद हवाई अड्डे पर हुए एक रॉकेट हमले में जनरल सुलेमानी सहित आठ लोगों की मौत हो गई है, इसके बाद एक बयान में पेंटागन ने कहा, 'जनरल सुलेमानी सक्रिय रूप से इराक में अमेरिकी राजनयिकों और सैन्यकर्मियों पर हमले की सक्रिय रूप से योजना बना रहा था, वो और उसका कुद्स फोर्स सैकड़ों अमेरिकियों और अन्य गठबंधन सहयोगियों के सदस्यों की मौत और हजारों को जख्मी करने के लिए जिम्मेदार हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूतावास पर हुए इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था, उन्होंने एक ट्वीट करते हुए यह भी कहा था कि अमेरिकी प्रतिष्ठान में किसी की भी जान जाने या किसी भी प्रकार की क्षति के लिए ईरान पूरी ही तरह जिम्मेदार होगा. डोनाल्ड ट्रंप का कहना था, 'उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी. यह धमकी नहीं है, खतरा है।
इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने बिना किसी विस्तृत जानकारी के अमेरिकी झंडा ट्वीट किया. उधर, ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड ने सरकारी टेलीविजन पर एक बयान में कुद्स यूनिट के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत की पुष्टि की है, बयान में कहा गया है कि बगदाद में अमेरिकी बलों के हमले में उनकी मौत हो गई. इराकी सेना ने भी इस सिलसिले में एक बयान जारी किया है, इसमें कहा गया है, 'बगदाद में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तीन रॉकेट दागे गए जिनसे दो कारों में विस्फोट हुआ' अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान ईरान की विशेष कुद्स सेना के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी और ईरान समर्थित मिलिशिया कताइब हिज़बुल्लाह के कमांडर अबू महदी अल-मुंहादिस की मौत हो गई।
यह हमला ईरान समर्थक एक भीड़ द्वारा बगदाद में अमेरिकी दूतावास की घेरेबंदी करने के कुछ दिन बाद हुआ है. यह घेराव ईरान समर्थक एक शिया मिलिशिया पर अमेरिकी हमले के बाद से शुरू हुआ था, इस हमले में कम से कम 25 लोग मारे गए थे, ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अल खमेनई ने इसकी निंदा की, इसके बाद दर्जनों प्रदर्शनकारी बगदाद में अमेरिकी दूतावास के परिसर में घुस गए, उन्होंने दूतावास के मुख्य दरवाजे को तहस-नहस कर दिया और उसके एक हिस्से में आग लगा दी, इसके बाद अमेरिका के राजदूत और अन्य कर्मचारियों को दूतावास से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए बलप्रयोग किया गया।
ईरान समर्थक शिया मिलिशिया पर अमेरिका का हमला उन रॉकेट हमलों के नतीजे में हुआ था जो अमेरिका के कई सैन्य अड्डों पर हुए थे, इनमें एक अमेरिकी ठेकेदार की मौत हो गई थी, इसके बाद अमेरिका ने कहा था कि इराक सरकार उसके नागरिकों की सुरक्षा नहीं कर पा रही और अब वह अपने स्तर पर कार्रवाई करेगा, बगदाद स्थित अपने दूतावास के घेराव के बाद उसने बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को इराक रवाना किया है।