भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने मिशन गगनयान की सफलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसरो ने बुधवार को लिक्विड प्रोपेलेंट विकास इंजन का तीसरा लंबी अवधि का सफल हॉट टेस्ट किया। स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने इस बड़ी सफलता के लिए इसरो को बधाई दी। इसरो के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने लिखा 'बधाई हो'। साथ ही उन्होंने भारत के झंडे का इमोजी भी लगाया।
इसरो ने कहा कि यह टेस्ट मिशन के लिए इंजन योग्यता जरूरत के
तहत GSLV MK 3 यान के L 110 लिक्विड लेवल के लिए किया
गया। इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स, महेंद्रगिरि, तमिलनाडु के परीक्षण
केंद्र में इंजन को 240 सेकंड के लिए प्रक्षेपित किया गया। इंजन ने
टेस्ट के मकसद को पूरा किया और मानक अनुमानों पर खरा उतरा।
दरअसल, पिछले कुछ समय से दुनिया के सबसे अमीर लोगों ने
अंतरिक्ष यात्रा को लेकर काफी दिलचस्पी दिखाई है।
ब्रिटिश अरबपति और वर्जिन ग्रुप के फाउंडर रिचर्ड ब्रैनसन ने रविवार को ही अंतरिक्ष यात्रा की है।
उन्होंने वर्जिन गेलेक्टिक के VSS यूनिटी स्पेस प्लेन के जरिए छह क्रू मेंबर्स के साथ उड़ान भरी।
वर्जिन गेलेक्टिक 2022 की शुरुआत से कमर्शियल ऑपरेशन की शुरू करने का प्लान बना रही है।
मस्क ने वर्जिन गेलेक्टिक से अंतरिक्ष की सैर करने के लिए टिकट बुक किया है। ब्रैनसन ने द संडे टाइम्स को बताया कि मस्क ने भविष्य की सबऑर्बिटल फ्लाइट में सीट रिजर्व करने के लिए 10,000 डॉलर जमा किए हैं। वो मेरा दोस्त है और हो सकता है कि मैं किसी दिन उसके जहाज पर सवार होकर यात्रा करूं। अभी साफ नहीं है कि उनकी फ्लाइट कब शुरू होगी।
गगनयान अंतरिक्ष में भेजा जाने वाला भारत का पहला मानवयुक्त मिशन है। इसका उद्देश्य मानव को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने और उन्हें एक भारतीय प्रक्षेपण यान से वापस लाने की क्षमता दिखाना है।
गगनयान मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को लाल किले से की थी। मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2018 में ही मंजूरी दे दी थी। ISRO ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी Glavkosmos के साथ करार किया है।
मिशन के लिए एक ग्रुप कैप्टन और तीन विंग कमांडरों सहित भारतीय वायु सेना के चार अधिकारियों का चयन किया गया है। उन्होंने रूस के ज़्वोज़्दनी गोरोडोक शहर में अपना एक साल का प्रशिक्षण पूरा किया है। साथ ही दो फ्लाइट सर्जन रूस और फ्रांस में ट्रेनिंग ले रहे हैं।
इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया था कि रूस में ट्रेनिंग लेने के बाद इन चारों गगननॉट्स को बेंगलुरु में गगनयान मॉड्यूल में ट्रेनिंग दी जाएगी. इस मॉड्यूल को इसरो ने ही बनाया है। इसमें किसी दूसरे देश की मदद नहीं ली गई है।
इसरो ने पहले गगनयान मिशन को दिसंबर 2021 तक भेजने की बात कही थी। वहीं, मानव रहित मिशन के लिए दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 का समय तय किया गया था। केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस साल फरवरी में कहा था कि पहला मानव रहित मिशन दिसंबर 2021 में पूरा होने वाला है। 2022-23 में दूसरा मानव रहित मिशन और उसके बाद मानवयुक्त अंतरिक्ष यान की योजना है।