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Tokyo Olympic 2020 : पुरुष और महिला हॉकी टीम ने रचा इतिहास, दोनों टीमें सेमीफाइनल में….

टोक्यो ओलंपिक-2020 में भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीम ने क्या कमाल का प्रदर्शन किया है. रानी रामपाल और मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली इन दोनों टीमों ने इतिहास रच दिया है.

savan meena

Tokyo Olympic 2020 : भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीम ने क्या कमाल का प्रदर्शन किया है. रानी रामपाल और मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली इन दोनों टीमों ने इतिहास रच दिया है. महिला टीम जहां पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची है तो पुरुष टीम 49 साल के लंबे इंतजार के बाद सेमीफाइनल में जगह बनाने में कामयाब हुई है.

भारतीय टीम के इस प्रदर्शन को देखते हुए कह सकते हैं हॉकी का सुनहरा दौर लौट आया है. भारतीय हॉकी का इतिहास बीते 24 घंटे में एकदम से बदल गया है. भारत प्रशंसक रविवार को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 3-1 से मिली जीत का जश्न मना ही रहे थे कि सोमवार सुबह एक और अच्छी खबर आई.

सेमीफाइनल में भारत का सामना 4 अगस्त को अर्जेंटीना से होगा,

Tokyo Olympic 2020 : महिला टीम ने तीन बार की ओलंपिक चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में धूल चटा दी. उसने 1-0 से शानदार जीत हासिल की. अपना तीसरा ओलंपिक खेली रही महिला हॉकी टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है. अब सेमीफाइनल में भारत का सामना 4 अगस्त को अर्जेंटीना से होगा, जिसने जर्मनी को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है. वहीं, पुरुष टीम का सेमीफाइनल में सामना 3 अगस्त को बेल्जियम से होगा.

भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 के मॉस्को खेलों में रहा था. उस समय भारत छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी. सेमीफाइनल में अर्जेंटीना को हराते ही महिला टीम पहली बार ओलंपिक में पदक जीतना पक्का कर लेगी.

49 साल बाद सेमीफाइनल में पुरुष टीम

भारत की पुरुष हॉकी टीम इस ओलंपिक में शानदार फॉर्म में दिखी है. उसे ग्रुप स्टेज में सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली थी. मनप्रीत सिंह की ये टीम पूल ए में दूसरे स्थान पर थी. उसने अपने इसी फॉर्म को क्वार्टर फाइनल में भी जारी रखा. रविवार को खेले गए इस मुकाबले में उसने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराया.

इससे पहले म्यूनिख ओलंपिक (1972) में भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी

इस जीत के साथ पुरुष टीम ने इतिहास को बदला दिया. वह 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची है. इससे पहले म्यूनिख ओलंपिक (1972) में भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी. हालांकि भारतीय टीम ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. लेकिन उस दौरान भारत राउंड रॉबिन आधार पर छह टीमों के पूल में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल का टिकट हासिल किया था.

ओलंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था

ओलंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था, जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था. उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी. लेकिन अब 41 साल बाद भारतीय टीम के पास पदक जीतने का बेहतरीन मौका है.

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