डेस्क न्यूज़- सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अकाउंट को फिर से सत्यापित किया है, सरकार की नाराजगी के बाद ट्विटर ने यह कदम उठाया है, सरकार की ओर से साफ तौर पर कहा गया था कि उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है, संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्ति किसी पार्टी का हिस्सा नहीं होते हैं, इसलिए सरकार ट्विटर के इस कृत्य को संवैधानिक अनादर की दृष्टि से देखती है।
इसके बाद ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के ट्विटर अकाउंट को स्वीकार और फिर से सत्यापित किया, अब से कुछ समय पहले, ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के खाते को असत्यापित किया था, सरकार के कड़े रुख के बाद ट्विटर ने अपना फैसला वापस ले लिया।
उपराष्ट्रपति के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटाने पर एक ट्विटर प्रवक्ता ने कहा, "जुलाई 2020 से खाता निष्क्रिय है। हमारी सत्यापन नीति के अनुसार, खाता निष्क्रिय होने पर ट्विटर ब्लू टिक और सत्यापित स्थिति को हटा सकता है, वहीं बीजेपी नेता सुरेश नखुआ ने सवाल उठाया था, ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक क्यों हटाया? यह भारत के संविधान पर हमला है, आपको बता दें, आरएसएस के चीफ मोहन भार्गव और कुशन कुमार, अरुण कुमार के साथ भैयाजी जोशी, सुरेश सोनी के ट्विटर अकाउंट भी असत्यापित हो चुके हैं, इन पर भी आपत्ति जताई गई।