UNGA Chief Volkan Bozkir : पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर द्वारा जम्मू कश्मीर पर दिए गए बयान को भारत की ओर से ''गुमराह करनेवाला और पूर्वाग्रह से ग्रस्त'' करार दिए जाने के कुछ दिन बाद संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यीय इस निकाय के प्रमुख की प्रवक्ता ने कहा है कि ''अफसोसजनक'' है कि उनका बयान संदर्भ से हटकर देखा गया।
UNGA Chief Volkan Bozkir : बोजकिर पिछले महीने के आखिर में बांग्लादेश और पाकिस्तान की यात्रा पर गए थे। इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में दृढ़ता से लाना ''पाकिस्तान का दायित्व'' है।
इसपर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि बोजकिर का बयान ''अस्वीकार्य'' है और भारत के केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का उनके द्वारा जिक्र करना ''अवांछनीय'' है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पिछले सप्ताह कहा था, '' जब संयुक्त राष्ट्र महासभा के कोई वर्तमान अध्यक्ष गुमराह करनेवाला एवं पूर्वाग्रह से ग्रस्त बयान देते हैं तो वह अपने पद को बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष का आचरण वाकई खेदजनक है और वैश्विक पर उनके दर्जे को घटाता है।''
कश्मीर मसले की फिलिस्तीन विवाद से तुलना करते हुए यूएनजीए अध्यक्ष बोजकिर ने कहा था कि कश्मीर विवाद के समाधान के लिए बड़ी राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है. उन्होंने कहा था, 'मुझे लगता है कि यह पाकिस्तान का विशेष रूप से कर्तव्य है कि वह संयुक्त राष्ट्र के मंच पर इस और अधिक मजबूती से उठाए. मैं इस बात से समहत हूं कि फिलिस्तीन और कश्मीर मुद्दा एक ही समय के हैं. उन्होंने आगे कहा था कि मैंने हमेशा सभी पक्षों से जम्मू-कश्मीर की स्थिति बदलने से परहेज करने का आग्रह किया है.
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महासभा के अध्यक्ष की उप प्रवक्ता एमी कांत्रिल ने कहा कि पाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान बोजकिर ने कहा था कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि पाकिस्तान एवं भारत के बीच संबंधों के सामान्य बनने पर टिकी है तथा जम्मू कश्मीर मुद्दे के समाधान से ही रिश्ते सामान्य होंगे।
उन्होंने कहा कि संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अध्यक्ष ने 1972 के भारत-पाकिस्तान शिमला समझौते को भी याद किया था।कांत्रिल ने कहा कि अध्यक्ष भारत के विदेश मंत्रालय के बयान से आहत हैं और खेद की बात है कि उनका बयान संदर्भ से हटकर देखा गया।