मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से क्यों नाराज है राज्यपाल जगदीप धनखड़ ? : पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
सोमवार को उनके मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण आयोजित किया गया।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ वर्चुअली इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस दौरान पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हो रही हिंसा को लेकर उन्होंने दुख जाहिर किया।
उन्होंने कहा कि राज्य में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
वह राज्य में संवैधानिक पद के सबसे ऊंचे पद पर बैठे हैं लेकिन उन्हें भी कुछ नहीं समझा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से क्यों नाराज है राज्यपाल जगदीप धनखड़ ? : इस बीच गवर्नर के आरोप को नकारते हुए ममता बनर्जी ने कोलकाता में मीडिया से बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल में शांति है, कहीं पर भी हिंसा नहीं हो रही है।
जगदीप धनखड़ ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नाम के कपड़े के चीथड़े उड़ाए जा रहे हैं।
मुझे जब खबरें मिलती हैं बहुत दुख होता है। 2 मई को जो हुआ उस पर मैंने 3 मई को डीजीपी से रिपोर्ट मांगी।
अडिश्ननल चीफ सेक्रेटरी से जवाब मांगा, पूछा कि उन्होंने हिंसा रोकने के लिए क्या कदम उठाए
और आने वाले दिनों में हिंसा रोकने की क्या कार्ययोजना है तो कोई जवाब नहीं मिला।'
राज्यपाल ने कहा, 'यहां तक कि पुलिस कमिश्नर, डीजीपी का भी कोई जवाब नहीं आया। जब किसी ने कोई जवाब नहीं दिया तो मैंने चीफ सेक्रेटरी को बुलाया, वे पुलिस कमिश्नर को साथ लेकर आए लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं लाए। उसने सूचना मांगी लेकिन कोई इंफर्मेशन भी मुझे नहीं दी। मैंने कारण पूछा लेकिन वह भी नहीं बताया।'
राज्यपाल ने कहा कि दोनों सिर्फ अटैंडेंस मार्क करने के लिए आए थे। राज्य में संवैधानिक पद पर बैठे वह सबसे बड़े शख्स हैं। संविधान के मुखिया का यह हाल है कि उन्हें कुछ नहीं समझा जा रहा है। राज्य में किस तरह की जवाबदेही और जिम्मेदारी है साफ है। उन्होंने कहा, 'मैं सभी से कहता हूं कि संविधान को लेकर यहां कोई काम नहीं हो रहा है। कार्यप्रणाली संविधान को शर्मिंदा करने वाली है।'
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें राज्य के प्रभावित इलाकों को दौरा करना है। वह हेलिकॉप्टर मांग रहे हैं लेकिन उन्हें हेलिकॉप्टर नहीं दिया जा रहा है। उन्हें साफ इनकार कर दिया था। अनौपचारिक रूप से कभी हेलिकॉप्टर न होने तो कभी पायलट न होने की बात कही जा रही है।
जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र में लोगों को अपने अधिकार की कीमत चुकानी पड़ रही है। लोगों ने मतदान किया और उनके ऊपर हमला हो रहा है, उन्हें लूटा जा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या ही है।
राज्यपाल ने जहां चुनाव के बाद की हिंसा के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं ममता ने हिंसा की अधिकतर घटनाओं को फेक न्यूज करार देते हुए कहा था कि चुनाव आयोग के इन्चार्ज रहते हिंसा हुई थी।