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बंगाल: EC से ममता बनर्जी को राहत, 30 सितंबर को भवानीपुर सीट पर होंगे उपचुनाव, 3 अक्टूबर को रिजल्ट

भारतीय निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की केवल तीन सीटों और ओडिशा की एक सीट के लिए उपचुनाव की तारीखों की घोषणा की है। इसके मुताबिक 30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव और 3 अक्टूबर को मतगणना होगी। बंगाल की भवानीपुर विधानसभा वही सीट है जहां से ममता बनर्जी उपचुनाव लड़ेंगी।

Vineet Choudhary

डेस्क न्यूज़- पश्चिम बंगाल में बहुप्रतीक्षित उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। चुनाव आयोग के इस ऐलान के साथ ही ममता बनर्जी की बड़ी टेंशन खत्म हो गई है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की केवल तीन सीटों और ओडिशा की एक सीट के लिए उपचुनाव की तारीखों की घोषणा की है। इसके मुताबिक 30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव और 3 अक्टूबर को मतगणना होगी। बंगाल की भवानीपुर विधानसभा वही सीट है जहां से ममता बनर्जी उपचुनाव लड़ेंगी।

30 सितंबर को भवानीपुर सीट पर होगा उपचुनाव

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र (पश्चिम बंगाल) में उपचुनाव कराने का फैसला किया है। इसी तारीख को पश्चिम बंगाल के समसेरगंज और जंगीरपुर और पिपली (ओडिशा) में भी उपचुनाव होंगे। उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। हालांकि चुनाव आयोग ने कहा कि अन्य 31 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव कोरोना के कारण स्थगित कर दिए गए हैं।

चुनाव आयोग के अनुसार, 13 सितंबर नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख होगी और उम्मीदवार 16 सितंबर से पहले अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि संवैधानिक आवश्यकता और पश्चिम बंगाल राज्य के विशेष अनुरोध को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि भवानीपुर (ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट) के लिए उपचुनाव कराएं। आयोग द्वारा कोरोना से बचाव के लिए अत्यधिक एहतियात के तौर पर बेहद सख्त मानदंड बनाए गए हैं।

बंगाल में 7 सीटों होंगे उपचुनाव

जिन सात विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होंगे उनमें मुर्शिदाबाद की जंगीपुर और समसेरगंज, 24 दक्षिण परगना की गोसाबा, दक्षिण मेदिनीपुर की खड़गपुर, नदिया की शांतिपुर, कूचबिहार की दिनहाटा और भवानीपुर शामिल हैं. ममता बनर्जी की कुर्सी पर मंडरा रहे खतरे के चलते टीएमसी बार-बार चुनाव आयोग से जल्द उपचुनाव कराने की मांग कर रही थी.

5 नवंबर तक डेडलाइन

आपको बता दें कि ममता की सीट पर उपचुनाव कराने के लिए टीएमसी दिन-रात एकजुट थी। वजह यह थी कि अगर ममता बनर्जी 5 नवंबर तक विधानसभा की सदस्यता नहीं लेती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। जैसे-जैसे यह दौर छोटा होता जा रहा था तृणमूल कांग्रेस की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। वहीं, भाजपा भी उपचुनाव का विरोध कर रही थी।

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