दुनिया के सबसे बड़े कोर्ट ने पुतिन के खिलाफ सुनाया फैसला

 
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दुनिया के सबसे बड़े कोर्ट ने पुतिन के खिलाफ सुनाया फैसला, भारत के जज भंडारी सहित 13 जज खिलाफ, चीन ने कैसे दिया रूस का साथ

रूस - यूक्रेन युद्ध पर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने पुतिन के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाते हुए यूक्रेन में किये जाने वाले हमले को रोकने का आदेश दिया हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने ट्वीट कर इस पर खुशी जाहिर करते हुए रूस को आदेश मानने का सुझाव दिया ।

Jyoti Singh

लेखक: सुनिधि शुक्ला

इस समय पूरे देश की आखों में एक डर सा दिखाई दे रहा है। सभी का ध्यान रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर टिका हुआ है। अब अमेरिका ने पुतिन को युद्ध अपराधी घोषित कर दिया है। पिछले 21 दिनों से रूस यूक्रेन पर लगातार हमले कर रहा है, जिसको लेकर UN के देशों ने कई बार बैठक भी बुलाई पर इस मुद्दे पर कोई हल नहीं निकला। ऐसे में पूरी दुनियां ने अपनी आखिरी आस देश की सबसे बड़ी न्यायिक व्यवस्था इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस से लगा रखी थी ,जिस पर ICJ ने कार्यवाही करते हुए रूस को यूक्रेन पर हमले रोकने का आदेश दिया है। इसके साथ ही ICJ ने रूस को ये भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि रूस के अलावा उसके किसी नियंत्रित या सहयोगी द्वारा भी यूक्रेन के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही न हो।

ICJ ने यूक्रेन के पक्ष में सुनाया फैसला

UN में दोनों देशों के बीच शांति कायम करने की कोशिश की जा रही थी। ऐसे में 2 हफ्ते पहले यूक्रेन ने ICJ में रूस के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस पर ICJ ने रूस को यूक्रेन पर किये जा रहे हमले को रोकने का आदेश सुनाया। यह फैसला 13-2 की वोटिंग के आधार पर किया गया है।

13 देशों ने यूक्रेन के पक्ष में दिया वोट

UN कोर्ट में इस मुद्दे पर 15 देशों ने वोटिंग में भाग लिया था। इनमें से 13 देशों ने यूक्रेन के समर्थन में अपना वोट दिया। ख़ास बात यह है की इतने दिनों से रूस यूक्रेन के युद्ध के मुद्दे को लेकर भारत ने चुप्पी साधी हुई थी, पर इस बार भारत ने यूक्रेन के पक्ष में अपना कदम उठाया। भारत के जज दलवीर भंडारी ने अपना वोट यूक्रेन के पक्ष में दिया। वहीं रूस के उपराष्ट्रपति किरिल गेवोर्गियन और चीन के न्यायधीश सू हनकिन ने रूस का समर्थन किया।

ज़ेलेन्स्की ने ICJ के आदेश पर जताई ख़ुशी

यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने ICJ के इस आदेश पर खुशी जाहिर की। ज़ेलेन्स्की ने कहा कि ICJ का यह आदेश यूक्रेन की जीत है। साथ ही उन्होंने बताया कि रूस को इस आदेश की अनुपालना करते हुए यूक्रेन पर किये जाने वाले हमलों को तुरंत रोक देना चाहिए।

क्या रूस पर होगा इस आदेश का असर?

ICJ ने रूस के खिलाफ आदेश तो दे दिया है पर अब सवाल ये उठता है कि क्या रूस इस आदेश को मानेगा? ICJ देश का सबसे बड़ा कोर्ट है पर फिर भी ICJ के आदेश को मानना या न मानना देश की इच्छा पर निर्भर करता है। हालांकि, सयुंक्त राष्ट्र की संस्था होने के कारण अक्सर देश इनके फैसलों को मान लेते हैं, पर जैसा की हम सब जानते हैं रूस एक ताकतवर देश है और उसके पास वीटो पावर भी है, तो ऐसे में ICJ रूस पर आदेश को मानने को लेकर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बना सकता।

चीन ने दिया रूस का साथ

एक और जहाँ दुनिया के तमाम देश युद्ध को रोकने में लगे हुए हैं, वहीं चीन लगातार रूस का साथ देते हुए दिखाई दे रहा है। चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसने ICJ में रूस के पक्ष में अपना वोट दिया। आपको बता दें कि इससे पहले भी इस मसले पर रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग हुई थी, तब भारत और चीन दोनों देशो ने ही वोटिंग में भाग लेने से मना कर दिया था, पर जब यह मुद्दा ICJ में उठा था तो भारत ने अपना रुख बदल लिया पर चीन का पक्ष अभी भी रूस के समर्थन में ही है।

जानिए क्या है अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय(ICJ)

ICJ यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस सयुंक्त राष्ट्र (UN) की न्यायिक शाखा है। इसकी स्थापना सयुंक्त राष्ट्र संघ के घोषणा पत्र के अंतर्गत हुई थी। इसका न्यायलय नीदरलैंड की राजधानी हेग में हैं। अक्सर ICJ का दरवाज़ा तब खटखटाया जाता हैं जब दो देशों के बीच कानूनी विवाद की स्थिति पैदा होती हैं। इसके अलावा यह कई अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर भी अपनी राय देता है।

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