World Test Champion : दुनिया को पहला टेस्ट चैंपियन मिल गया है। न्यूजीलैंड ने फाइनल में भारत को 8 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया। इस जीत के बाद कीवी टीम को 16 लाख डॉलर (करीब 11.71 करोड़ रुपए) की इनामी राशि मिली। वहीं, फाइनल में हारने वाली टीम इंडिया को 8 लाख डॉलर (करीब 5.85 करोड़ रुपए) मिले। न्यूजीलैंड को इनामी राशि के साथ-साथ टेस्ट चैंपियनशिप गदा भी मिली।
World Test Champion : भारत की हार के लिए उसकी फील्डिंग भी जिम्मेदार रही। टीम इंडिया ने 2 कैच छोड़े। पहला कैच चेतेश्वर पुजारा ने न्यूजीलैंड की दूसरी पारी के 31वें ओवर में छोड़ा। तब बुमराह बॉलिंग कर रहे थे।
बॉल रॉस टेलर के बैट में लगकर स्लिप में गई, लेकिन पुजारा ने कैच छोड़ दिया। उस वक्त टेलर 26 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। इसके कुछ देर बाद बुमराह ने शॉर्ट थर्ड मैन पर विलियम्सन का आसान कैच छोड़ा।
इस नतीजे के बाद यह बहस शुरू हो गई है कि क्या टीम इंडिया ने फाइनल के लिए प्लेइंग-11 चुनने में गलती कर दी? साथ ही भारतीय टीम की बल्लेबाजी प्लानिंग भी सवालों के घेरे में है। भारतीय टीम इस मैच में तीन तेज गेंदबाज और दो स्पिनर्स के साथ उतरी, लेकिन पांचवें गेंदबाज रवींद्र जडेजा टीम के खास काम नहीं आए। न्यूजीलैंड की पहली पारी में भारत ने 99.2 ओवर गेंदबाजी की।
जडेजा ने इसमें सिर्फ 7.2 ओवर फेंके। ये 7 ओवर भी उन्हें इसलिए मिले क्योंकि भारत दूसरी नई गेंद लेने से पहले ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी को कुछ आराम देना चाहता था।
टीम के एक अन्य स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने दो विकेट जरूर लिए, लेकिन उन्हें भी सिर्फ 15 ओवर की गेंदबाजी मिली। करीब 100 ओवर में अगर दो स्पिनर मिलकर सिर्फ 22 ओवर करें तो यह साफ है कि परिस्थितियां उनके अनुकूल नहीं थी।
दूसरी पारी में अश्विन ने असरदार गेंदबाजी की, लेकिन जडेजा इस बार भी कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए। दूसरी पारी में अश्विन ने 10 ओवर में दो विकेट लिए। वहीं, जडेजा 8 ओवर में कोई विकेट हासिल नहीं कर सके। दो स्पिनर शामिल करने के कारण साउथैम्पटन की परिस्थितियों में भारतीय तेज गेंदबाजों को बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ी। न्यूजीलैंड की पहली पारी में ईशांत ने 25 तो शमी और बुमराह ने 26-26 ओवर की गेंदबाजी की।
कीवी पारी के आखिरी दौर में भारत के तेज गेंदबाज थके हुए नजर आए और उन्हें चौथे साथी की कमी सबसे ज्यादा महसूस हुई।
मुमकिन है कि अगर शार्दूल ठाकुर या मोहम्मद सिराज में से कोई एक मौजूद होता तो भारतीय टीम को पहली पारी के आधार पर लीड नहीं खानी पड़ती और मैच का नतीजा बदल भी सकता था।
भारत के उलट न्यूजीलैंड की टीम इस मुकाबले में आउट एंड आउट पेस अटैक के साथ उतरी। अनुभवी टिम साउदी, ट्रेंट बोल्ट, नील वैगनर और काइल जेमिसन कीवी टीम के पेस अटैक का हिस्सा रहे। इनका साथ देने के लिए ऑलराउंडर कोलिन डि ग्रैंडहोम भी मौजूद थे।
यानी हर समय न्यूजीलैंड के पास कम से कम दो तेज गेंदबाज पूरी एनर्जी के साथ बॉलिंग करने के लिए मौजूद थे।
भारत की पहली पारी में न्यूजीलैंड के किसी भी गेंदबाज को 22 से ज्यादा ओवर नहीं फेंकने पड़े। जडेजा और अश्विन को प्लेइंग-11 में शामिल करने के पीछे यह तर्क भी दिया गया कि दोनों मिलकर लोअर ऑर्डर में अच्छी बल्लेबाजी कर सकते हैं, लेकिन इस मोर्चे पर भी निराशा झेलनी पड़ी। दोनों ने मिलकर चार पारियों में सिर्फ 50 रन बनाए। यानी 15 का औसत।
दो स्पिनर्स का चुनाव इस मैच में टीम इंडिया की इकलौती गलती नहीं रही। दूसरी पारी की बल्लेबाजी में प्लानिंग की कमी भी साफ देखी जा सकती है। तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि मैच बचाने या जीतने के लिए कम से कम 175 रन की लीड लेनी जरूरी थी। साथ ही चौथी पारी में न्यूजीलैंड को 40 से ज्यादा ओवर देना खतरनाक रहा। इसके बावजूद भारतीय बल्लेबाज किसी रणनीति के साथ खेलते हुए नजर नहीं आए। जिस तरह ऋषभ पंत और अश्विन ने अपने विकेट फेंके, इससे साफ जाहिर है कि भारतीय प्लेयर्स ने क्रीज पर समय बिताने की अहमियत नहीं समझी।
टेस्ट चैंपियन न्यूजीलैंड को 16 लाख डॉलर (करीब 11.71 करोड़ रुपए) की इनामी राशि मिली। वहीं, फाइनल में हारने वाली टीम इंडिया को 8 लाख डॉलर (करीब 5.85 करोड़ रुपए) मिले। न्यूजीलैंड को इनामी राशि के साथ-साथ टेस्ट चैंपियनशिप गदा भी मिली।
टेस्ट चैंपियनशिप रेस में तीसरे स्थान पर रहने वाली ऑस्ट्रेलिया को 4.5 लाख डॉलर (करीब 3.29 करोड़ रुपए) दिए गए। चौथे स्थान पर रहने वाले इंग्लैंड को 3.5 लाख डॉलर (करीब 2.56 करोड़ रुपए) और पांचवें स्थान पर रहने वाले पाकिस्तान को 2 लाख डॉलर (करीब 1.46 करोड़ रुपए) मिले। टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा रहीं अन्य टीमों वेस्टइंडीज, साउथ अफ्रीका और श्रीलंका को 1-1 लाख डॉलर (करीब 73 लाख रुपए) दिए गए।