उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में मुख्यमंत्री योगी और उनकी पार्टी भाजपा पिछड़ती नजर आ रही है। भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण शहर अयोध्या और काशी में अखिलेश की पार्टी सपा भाजपा से आगे निकल गई है। वहीं, मथुरा में मायावती की पार्टी बीएसपी ने बीजेपी को हराया है।
अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में होने वाले
पंचायत चुनाव को राजनीतिक दलों के लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा
है। 4 पदों के लिए चुनाव हुए हैं – जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य,
प्रधान और ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य।
इन्हें पूरा होने में कुछ घंटों का वक्त और लगेगा।
राम की नगरी में BJP को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है। यहां जिला पंचायत सदस्य की 40 में से 24 सीटों पर सपा ने कब्जा जमाया है। BJP के खाते में सिर्फ 6 सीटें आई हैं। मायावती की बसपा ने 5 सीट पर जीत हासिल की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जिला पंचायत सदस्य की 40 सीटों पर BJP के 8 उम्मीदवार जीते हैं और सपा ने 14 पदों पर अपना कब्जा जमाया है। इसके अलावा निर्दलीय 1, अपना दल 1, बसपा 1, आम आदमी पार्टी 1 सीट जाती है। बची हुई सीटों पर वोटों की गिनती जारी है।
यहां जिला पंचायत की कुल 33 सीट है। बसपा ने 13 उम्मीदवारों के जीतने का दावा किया है। जबकि BJP के खाते में 8 सीट और सपा को एक सीट से काम चलाना पड़ा है। राष्ट्रीय लोकदल ने 8 और 3 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। यहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र और राजधानी लखनऊ में जिला पंचायत की 25 सीटों के परिणाम आ चुके हैं। इनमें बीजेपी को 3, सपा को 10, बसपा को 4 और अन्य को मिली 8 सीटों पर जीत मिली है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र में 68 में से BJP के 20 और सपा के 19 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। अब तक 65 जिला पंचायत सदस्य के परिणाम आ चुके हैं। सबसे अधिक 21 पदों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे हैं। वहीं, बसपा के दो, कांग्रेस, आप और निषाद पार्टी को एक-एक पद पर जीत मिली है। तीन वार्ड के नतीजे आने बाकी हैं।