रायबरेली – लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश की एकमात्र सीट पर जीतने के बाद कांग्रेस ने रायबरेली में पहली रैली की , यह सीट सोनिया गांधी ने जीती थी। रायबरेली के अपने निर्वाचन क्षेत्र में बुधवार को आयोजित एक रैली में भाजपा पर जोरदार हमला बोला, सोनिया गांधी ने कहा कि सभी जानते हैं कि इस चुनाव में जो हुआ वो नैतिक था या अनैतिक,
रैली में सोनिया गांधी के साथ उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल थी। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने रायबरेली के अपने संसदीय क्षेत्र में रैली को संबोधित करते हुए भाजपा पर हमला किया, जिसमें सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर "पद की सीमा पार करने" के आरोप लगाये।
23 मई को लोकसभा के चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में, यूपीए चैयरपर्सन ने आरोप लगाया कि देश की चुनावी प्रक्रियाओं पर "कई तरह के संदेह" उभर कर सामने आए हैं।
उन्होंने कहा, "मतदाताओं को लुभाने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपनाए गए। इस देश में हर कोई जानता है कि चुनाव में जो कुछ भी हुआ, वह नैतिक या अनैतिक था।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में एक बडे जनादेश का दावा किया था, बीजेपी ने अपने दम पर 303 सीटें और 352 सीटें एनडीए गठबंधन के साथ जीती, कांग्रेस ने सिर्फ 52 सीटों का जीती और 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपना खाता भी नही खोल पायी।
भाजपा अपने अभियान की कुछ रणनीतियों को देशभक्ति में परिवर्तन करने में कामयाब रही, पुलवामा आतंकी हमला और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद मोदी ने माहौल अपने पक्ष में कर लिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेना को "मोदी जी की सेना (मोदी की सेना)" के रूप में फिर से ब्रांड किया। और जनता को अपने पक्ष में करने की सफल कोशिश की।
सोनिया गांधी ने कहा "मुझे लगता है कि यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि सत्ता में बने रहने के लिए गरिमा की सीमा पार की जाती है।" सोनिया गांधी ने, चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि, " चुनावी प्रक्रिया में पिछले कुछ वर्षों में कई तरह के संदेह उभरे हैं।"
कांग्रेस ने पिछले महीने महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली में की गई टिप्पणियों के लिए पीएम मोदी को क्लीन चिट देने के लिए भी चुनाव आयोग को कोसा। जिसे कांग्रेस नेता ने आदर्श आचार संहिता को "मोदी आचार संहिता" बताया, प्रधानमंत्री को चुनाव प्रचार के दौरान छ शिकायतों पर चुनाव आयोग से क्लीन चिट मिली थी।