संजय राजौरा वह हिन्दूफ़ोबिक कॉमेडियन जिसने भगवान गणेश का मजाक रविश कुमार जैसे पत्रकार के सामने उड़ाया मगर उन्होंने टोकने के बजाय हंस कर बहुसंख्यक समाज के आस्था पर चोट करती घटिया कॉमेडी को सराहा। आज वही कॉमेडियन की असलियत एक लड़की ने अपने किये गए इंस्टाग्राम पोस्ट मे बताई | मी टू हैशटैग के साथ लिखी इस पोस्ट मे संजय द्वारा किये गए जबरदस्ती और उससे हुई मानसिक प्रताड़ना का दर्द उसने साझा किया।
23 सितंबर को लड़की ने अपनी पहचान तारा बताते हुए राजौरा के विरुद्ध पोस्ट लिखा। उसने बताया कि कैसे राजौरा ने मना करने के बाद भी उसे ओरल सेक्स के लिए जबरदस्ती की, वो भी सार्वजनिक स्थल पर। लड़की ने बताया कि राजौरा उसे नग्न तस्वीरें माँगता था।
पीड़िता ने बताया कि वो इन सब चीजों को नजरअंदाज कर रही थी क्योंकि वह कॉमेडियन को उसके काम के लिए सराहती थी। लड़की मानती है कि कॉमेडियन की पब्लिक छवि ने उसके फैसले को प्रभावित किया था। उसको लगता था कि राजौरा तो कई प्रभावशाली लोगों को जानता है।
पोस्ट में पीड़िता इस बात को बताती है कि वह अपने साथ हो रहे शोषण को नजरअंदाज करती रही क्योंकि वह राजौरा को एक नारीवादी पुरुष के तौर पर देखा करती थी । लड़की ने बताया कि राजौरा उसे "असुरक्षित और न्यूड फोटो भेजने के लिए कहता था। उसके अनुसार , "मैंने उसे कहा भी कि ये बहुत जल्दी है और बहाने बनाकर अपनी हिचक दर्शायी, लेकिन वह लगातार ऐसा करता रहा और मेरे बहाने में खामियाँ ढूँढ देते थे।"
पीड़िता ने खुलासा किया कि कैसे कॉमेडियन ने उसे सार्वजनिक स्थान पर ओरल सेक्स करने के लिए मजबूर किया। तारा ने लिखा, "उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा और मुझे घुटनों पर बैठा कर मुझे एक्ट (ओरल सेक्स) करने के लिए गाइड किया।"
तारा ने आगे बताया कि इस घटना के अगले दिन राजौरा अपनी कार को पार्किंग से बाहर निकालते समय अपने भवन के गेट पर किसी ऐसे व्यक्ति से मिला, जिससे वह पेशेवर रूप से जुड़ा था। लड़की के मुताबिक राजौरा ने बेहद अजीब ढंग से हाथ मिलाया और चेहरे पर शरारती मुस्कान थी। उसका मिलना और बात कहना (You're man has been having fun with this young lady) ऐसा था जैसे कह रहा हो, "आज मैं करके आया हूँ।
पीड़िता कहती है कि घटना के बाद भी उसने राजौरा से मिलना और बात करना नहीं छोड़ा था। उसे बहुत महीने लगे ये दर्दनाक एहसास होने में कि जो कुछ भी दोनों के बीच हुआ वो घातक, प्रबल और समस्याग्रस्त था। उसने बताया कि वह राजौरा के प्रभाव और ताकत को देख इतना डरती थी कि वह इन सबसे बाहर नहीं निकल पा रही थी।
"मैंने जिन उदाहरणों का उल्लेख किया है, वे मेरे दर्दनाक अनुभव के चट्टान के सिरे मात्र हैं। कई बार ब्रेकडाउन और एंग्जाइटी अटैक आने के बाद से मैंने अपने सभी दोस्तों को खो दिया है। जिन चीज़ों से मैं गुज़री, उसने मेरी माँ को लगभग पागलपन की हद तक पहुँचा दिया। इस समय औपचारिक शिकायत शुरू करने के लिए मेरे पास भावनात्मक मजबूती नहीं है। मैं एक बेहतर जीवन की ओर बढ़ना चाहता हूँ, यह यहीं समाप्त होता है।"