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Chaiwaali Tea Stall शुरू करने वाली इकोनॉमिक्स ग्रेजुएट बोलीं- लोग क्या सोचेंगे, अगर ये भी हम ही सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे?

Chaiwaali Tea Stall : प्रियंका (Priyanka Gupta) अपने इस चाय की दुकान को अत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने का कदम मानती हैं। प्रियंका ने बताया कि उन्होंने 2019 में ग्रेजुएशन पूरा किया था। कोरोना लॉकडाउन और महामारी के असर के चलते नौकरी नहीं मिल पाई।

ChandraVeer Singh

बिहार (Bihar) के कैपिटल पटना (Patna) के वुमन्स कॉलेज (Patna Women's College) के पास एक चाय की दुकान (Chaiwali Tea Stall) इन दिनों देशभर में खूब सुर्खियां बटोर रही है। वैसे चाय की दुकान, टी स्टॉल और चाय की थड़ियां तो आपने बहुत देखी होंगी....। लेकिन ये टी स्टॉल कुछ खास है। असल में इस टी स्टॉल को इकोनॉमिक्स ग्रेजुएट प्रियंका गुप्ता चला रही हैं। जब कॉलेज चलता है तो प्रियंका की स्टॉल पर भी छात्रों का जमघट लग जाता है और युवक युवतियां खूब चाय पर चर्चा करते हैं। सहीं मायनों में प्रियंका चाय की दुकान अब चल निकली है।

प्रियंका अपने इस चाय की दुकान को अत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने का कदम मानती हैं। प्रियंका ने बताया कि उन्होंने 2019 में ग्रेजुएशन पूरा किया था। कोरोना लॉकडाउन और महामारी के असर के चलते नौकरी नहीं मिल पाई। अपना कोई बिजनेस शुरू करने के लिए लोन लेने का प्रयास किया लेकिन स्थानीय नहीं होने के कारण लोन नहीं मिल पाया। प्रियंका अपनी दुकान का नाम चायवाली रखने के सवाल पर कहती हैं, जब कई सारे लोग चाय वाले हैं.... देश के पीएम मोदी चाय वाले हैं तो मैं चायवाली क्यों नहीं हो सकती?

प्रियंका बताती हैं कि मैंने प्रफुल्ल बिल्लोर से प्रेरणा ली और फिर अपनी टी स्टॉल शुरू की। अब ये प्रफुल्ल कौन हैं जो चायवाले के तौर पर पॉपुलर हुए। इनके बारें में आपको हम आगे बता रहे हैं।

'चायवाली' नाम इसलिए रखा (Chaiwaali Tea Stall)

प्रियंका कहती हैं.... टी स्टॉल का नाम चायवाली (Chaiwali) रखा है। टी स्टॉल के बैनर में लिखा है - आत्मनिर्भर भारत की ओर एक इनिशिएटिव। प्रियंका कहती हैं कि टी स्टॉल पर पांच तरह की चाय हैं, जो 10, 15 और 20 रुपए में उपलब्ध है। उन्होंने अपने स्टॉल पर लिखा है - लोग क्या सोचेंगे....। ये भी अगर हम ही सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे.....। इस स्लोगन के साथ वे ये संदेश भी दे रही हैं कि लड़कियां हर काम कर सकती हैं। सोशल मीडिया पर अब यूजर्स प्रियंका के इस इन​शिएटिव का स्वागत कर रहे हैं। प्रफुल्ल एमबीए चायवाला (Prafull MBA Chaiwala) ने भी प्रियंका के इस ​इनिशिएटिव पर उन्हें बधाई देते हुए लिखा है- इनसे मिलने में मेरी हेल्प कीजिए।

कुछ यूजर्स ने कमेंट किया तो कुछ ने सराहा

सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने प्रियंका के इस ​इनिशिएटिव को लेकर पीएम मोदी पर कमेंट किया। उनका कहना था कि मोदीजी पूरी पीढ़ी को प्रेरणा दे रहे हैं....। ऐसा चलता रहा तो कुछ ही दिनों में भारत में कई लोग चायवाला और चायवाली हो जाएंगी....। लोगों का कहना है कि बढ़ती बेरोजगारी के बीच लोग चाय बेचने को मजबूर होंगे.... जिससे भारत की जीडीपी 420 फीसदी तक पहुंच जाएगी....। मोदीजी क्या मास्टर स्ट्रोक है.....। वहीं कुछ यूजर्स ने कहा- जो लोग सिस्टम का मखौल उड़ा रहे हैं, उन्हें Priyanka Gupta सीख लेनी चाहिए। वह शेखी नहीं बघार रही हैं। उन्होंने अपनी सिचुएशन के हिसाब से कदम उठाया है। यही वास्तव में एंटरप्रिन्योरिशप की भावना है।

आपको बता दें कि प्रफुल्ल बिल्लौर एक एमबीए ड्रॉपआउट है। एमबीए जैसी बड़ी और प्रोफेशनल डिग्री को बीच में ही छोड़ देने वाले प्रफुल्ल ने अहमदाबाद में एमबीए चायवाला के तौर पर अपनी अलग और खास पहचान बनाई। धीरे-धीरे प्रफुल्ल को पूरे इंडिया में पहचान मिल गई। आपको बता दें कि प्रफुल्ल का चाय से सालाना टर्नओवर 2-3 करोड़ के आसपास बताया जाता है। वे अपने एमबीए चायवाला की फ्रेंचाइजी भी दे रहे हैं।

प्रफुल्ल ने भी ऐसे की थी शुरुआत

प्रफुल्ल का मानना था कि चाय ही एक ऐसी चीज है जिसे कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक सभी पीना पसंद करते हैं। इसलिए उन्होंने इसे अपने मेन प्रोडक्ट के रूप में चुना। उनका कहना है कि दुनिया में कोई भी काम छोटा नहीं होता, देखा जाए तो आज विश्व प्रसिद्ध जूता निर्माता बाटा भी मोची है। प्रफुल्ल बिलौर उर्फ 'एमबीए चायवाला' ने जब अपनी चाय की दुकान खोली थी तो उनके पास ग्राहक नहीं थे। इसलिए वे अपनी चाय खुद बनाते थे था और ग्राहकों के पास ले जाते थे। उन्हें वे अपनी चाय टेस्ट के लिए के लिए देते थे।

शुरुआत में कॉम्पिटिटर्स ने धंधा बन करने के लिए धमकियां थी, आज प्रफुल्ल का सिर्फ चाय से 1 से 2 करोड़ टर्न ओवर

इसके बाद धीरे धीरे करके कस्टमर्स को प्रफुल्ल की चाय पसंद आने लगी। लेकिन वो कहते हैं ना ​कि जिस धंधे में घुसो वहां भी आपके कई कॉम्पिटिटर पहले से तैयार होते हैं.... उनमें से कई आपका धंधा चौपट करने में जुटे जाते हैं... प्रफुल्ल के साथ भी ऐसा ही हुआ। बताया जाता है कि चाय का बिजनेस करने वाले दूसरे लोग प्रफुल्ल से जलन रखने लगे। उन्हें धमकी भी दी गई की वे अपना धंधा बंद कर दें, लेकिन प्रफुल्ल अपने बिजनेस पर अड़े रहे और लगातार अपने काम पर लगे रहे। फिर मेहनत के साथ काम करने पर प्रफुल्ल की दुकान चल पड़ी और उनकी स्टॉल पर काफी भीड़ जुटने लगी। मौजूदा समय में प्रफुल्ल का सालाना टर्नओवर चाय की दुकान से ही 1 करोड़ से लेकर के 2 करोड़ के आसपास तक पहुंच चुका है।

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