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दिल्ली हिंसा में हुए नुकसान की प्रशासन ने जारी की रिपोर्ट…

पूर्वी निगम ने दंगा प्रभावित क्षेत्रों की सड़कों से चार दिन में 700 मीट्रिक टन ईंट-पत्थर और 424 क्षतिग्रस्त एवं जली हुईं गाड़ियां हटाई हैं।

savan meena

न्यूज – देश की राजधानी दिल्ली में बीते दिनों हुई हिंसा में नुकसान की प्रशासन ने रिपोर्ट जारी कि है, प्रशासन के मुताबिक दिल्ली में  दंगाईयों ने कम से कम 287 मकानों, 327 दुकानों और 372 वाहनों को नुकसान पहुंचाया है। यह खुलासा दंगों में हुए नुकसान को लेकर जारी उत्तर-पूर्वी जिले के प्रशासन की रिपोर्ट में हुआ है।

हालांकि, ये अंतिम रिपोर्ट नहीं है, अंतिम रिपोर्ट जारी होनी बाकी है और उसमें यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है, ये रिपोर्ट 18 एसडीएम की अगुआई वाली टीम की निगरानी में बनाई गई है और सर्वे जारी है, कई लोग दंगों के बाद खौफ से अपने घर छोड़कर चले गए हैं जो लौटे नहीं हैं,  ऐसे ही कई गाड़ियों को भी उनकी जगह से हटा भी दिया गया है,

पूर्वी निगम ने दंगा प्रभावित क्षेत्रों की सड़कों से चार दिन में 700 मीट्रिक टन ईंट-पत्थर और 424 क्षतिग्रस्त एवं जली हुईं गाड़ियां हटाई हैं। पूर्वी निगम के शाहदरा जोन के नौ थाना क्षेत्रों में 15 इलाके दंगे से प्रभावित हुए हैं। बड़ी मात्रा में घरों की छतों पर भी पत्थर के ढेर मिले हैं। पूर्वी निगम ने मलबा साफ करने के लिए 500 से अधिक कर्मचारियों को 200 टिपर और 80 मिनी ट्रक के साथ सड़कों पर उतार रखा है।

इस पर अंतिम रिपोर्ट कब आएगी, इस पर कुछ कहना मुश्किल है, क्योंकि बहुत से वाहनों को जलाने के बाद हटा दिया गया है। कई लोगों की दुकानें और घर जल चुके हैं, मगर वे डर की वजह से वापस नहीं लौटे है। पड़ोसियों के जरिए उनके संपर्क किया जा रहा है।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के मुताबिक, दंगे में हुए नुकसान के आंकड़े सोमवार शाम तक के ही हैं। अभी सर्वे चल रहा है और नुकसान का आंकड़ा बढ़ सकता है। दिल्ली सरकार की ओर से अभी तक दंगा पीड़ितों को 38.75 लाख की आर्थिक मदद दी गई है। तत्काल मदद के रूप में सिर्फ 25-25 हजार रुपये दिए गए हैं। अभी तक 89 लोगों को आर्थिक मदद मिल चुकी है।

एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि 2004 से 2017 के बीच 10399 सांप्रदायिक दंगे (छोटे-बड़े) हुए। इन दंगों में 1605 लोगों की जान गई, 30723 लोग घायल हुए। सबसे ज्यादा 943 दंगे 2008 में हुए। इसी साल दंगों में सबसे ज्यादा 167 जानें भी गईं, 2354 लोग घायल हुए। सबसे कम 2011 में 580 दंगे हुए। इस साल 91 लोगों की जान गई थी।

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