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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दवा की खुराक फेंकने वाली आरोपी की जमानत याचिका खारिज की

सीरिंज एक कूड़ेदान से बरामद की गई और उसके सहकर्मियों ने उसे व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के कारण फंसाया।

Ranveer tanwar

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अलीगढ़ के जमालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सहायक नर्स दाई (एएनएम) निहा खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। उसे 29 कोविड -19 वैक्सीन-लोडेड सीरिंज फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति राहुल चतुवेर्दी ने खान द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता के अनुसार, उसे उसके सहकर्मियों ने राजनीतिक फायदे के लिए फंसाया था। उसने अनुरोध किया कि सीरिंज एक कूड़ेदान से बरामद की गई और उसके सहकर्मियों ने उसे व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के कारण फंसाया।

घटना गलती या लापरवाही नहीं बल्कि आरोपी द्वारा जानबूझकर की गई कार्रवाई थी

30 मई को जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को घटना के बारे में पता चलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई और मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया। टीकाकरण प्रभारी आरफीन जेहरा के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है क्योंकि कथित घटना के बारे में पता चलने के बावजूद वह कथित तौर पर अधिकारियों को सूचित करने में विफल रहीं।

प्राथमिकी में दावा किया गया कि कूड़ेदान में मिली 29 सीरिंज आधार से जुड़ी हुई थीं। अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष गोयल और अतिरिक्त सरकारी वकील ए.के. राज्य सरकार की ओर से पेश सैंड ने इस आधार पर याचिका का विरोध किया कि घटना गलती या लापरवाही नहीं बल्कि आरोपी द्वारा जानबूझकर की गई कार्रवाई थी।

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