न्यूज – दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली अदालती कार्यवाही को देखने की अनुमति दे दी। इस संबंध में एक आदेश जारी किया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कोरोना संकट के मौजूदा समय में कोर्ट की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रही है, ऐसे में वो मामले जिनकी सुनवाई पहले खुली अदालत में होती थी, जिनमें आम जनता सुनवाई देखने के लिए मौजूद रह सकती थी, उन सभी मामलों की सुनवाई अब वीडियो लिंक के जरिए लोग देख और सुन सकेंगे।
संविधान के अनुच्छेद 225 और 227 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, दिल्ली हाईकोर्ट ने अदालतों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपयोग से संबंधित प्रक्रिया को समेकित, एकीकृत और कारगर बनाने के लिए नए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियम प्रकाशित किए हैं।
01 जून को प्रकाशित, इन नियमों को आधिकारिक तौर 'High Court of Delhi Rules for Video Conferencing for Courts 2020' कहा जाएगा, और यह उन सभी अदालतों में लागू होगा जिन्हें उच्च न्यायालय उचित समय पर अधिसूचित करेगा।
प्रारंभ में, नियम यह घोषित करता है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय द्वारा की गई सभी कार्यवाही न्यायिक कार्यवाही होगी और भौतिक अदालत में लागू होने वाले सभी शिष्टाचार और प्रोटोकॉल इन आभासी कार्यवाही पर लागू होंगे।
न्यायिक कार्यवाही के लिए लागू सभी प्रासंगिक वैधानिक प्रावधान जिनमें सीपीसी, सीआरपीसी, कोंट्रेक्ट ऑफ कोर्ट्स एक्ट, 1971, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (साक्ष्य अधिनियम), और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (आईटी एक्ट) के प्रावधान शामिल हैं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, और अदालत समय-समय पर उपलब्ध हो रही तकनीकी प्रगति को अपना सकती है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में शामिल होने वाले व्यक्ति को ईमेल के माध्यम से अपनी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पहचान प्रमाण दिखाना होगा। किसी भी संस्था द्वारा कार्यवाही की अनधिकृत रिकॉर्डिंग निषिद्ध है।
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