पटना : जदयू ने पार्टी स्तर पर बड़ा फैसला लिया है. लोकसभा, विधानसभा प्रभारी और प्रकोष्ठ को भंग कर दिया गया है। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के समय लोकसभा प्रभारी, विधानसभा प्रभारी के साथ सभी प्रकोष्ठ का गठन किया गया था। कमेटियों को भंग करने की जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि कमेटी का जल्द ही गठन किया जाएगा। कमेटी में युवाओं और आधी आबादी को तरजीह दी जाएगी।
जदयू में बड़ा उलटफेर हुआ है। प्रदेश स्तर पर लोकसभा प्रभारी और विधानसभा प्रभारी के साथ सभी 32 प्रकोष्ठ को प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भंग कर दिया है। आरसीपी सिंह जब राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो उस समय गठन किया गया था। लेकिन ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद बिहार स्तर पर यह बड़ा फैसला हुआ है।
प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि पार्टी लगातार ऐसे लोगों को अपने साथ जोड़ रही है जो पार्टी के लिए काम कर रहे हैं तो पार्टी को बेहतर ही बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के आने के बाद यह फैसला लिया गया है। इस पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा ऐसी बात नहीं है पार्टी के अंदर सब की राय पर ही फैसला होता है। जदयू में उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी के साथ शामिल हुए हैं तो उनके लोगों को भी जगह दी जाएगी और नए राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह अपने लोगों को जगह देंगे।
सभी 38 लोकसभा प्रभारी और 243 विधानसभा प्रभारी के साथ 32 प्रकोष्ठ के लोगों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। लेकिन पार्टी ने उसके बावजूद यह बड़ा फैसला लिया है। हालांकि पार्टी को दोनों विधानसभा के उपचुनाव में जीत भी हासिल हुई है। लेकिन चर्चा यह है कि पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इन सब का गठन किया था। कहीं ना कहीं इन सब का झुकाव उनके प्रति है इसलिए ललन सिंह के आने के बाद पहले से चर्चा थी कि पार्टी में उलटफेर होगा। हालांकि जल्द ही गठन भी कर दिया जाएगा क्योंकि उस पर भी मंथन कई दिनों से चल रहा है।