न्यूज़- बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। ताजा मामला सारण जिले का है, जहां अमनौर प्रखंड के भगवतपुर गांव का पेट मरीज कोरोना पॉजिटिव निकला है। बुधवार को पटना के IGIMS में भर्ती मरीज को ऑपरेशन के बाद चुपचाप उसके परिजनों द्वारा छपरा में सांसद निधि से चलाए जा रहे मुफ्त एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से भाग निकला।
हालांकि जब सिविल सर्जन को शुक्रवार शाम को उसके कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिली, तो स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंच गई और उसे संक्रमण की रोकथाम की व्यवस्था के साथ छपरा सदर अस्पताल से उसके घर ले आई। इसके बाद, शुक्रवार रात को, उन्हें नालंदा मेडिकल कॉलेज (NMCH), पटना में स्थानांतरित कर दिया गया, जो कोरोना अस्पताल में बदल गया।
सदर अस्पताल के संगरोध वार्ड में उनके परिवार के एक आशा कार्यकर्ता सहित 22 लोगों को रखा गया है। उनके सभी नमूने जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। एंबुलेंस चालक की भी तलाश की जा रही है जो उसके साथ छेडख़ानी करने आया था, जबकि पटना आईजीआईएमएस में मरीज के भाग जाने के बाद हड़कंप मच गया। इसे अस्पतालकर्मियों की लापरवाही के रूप में देखा जा रहा है।
मरीज इमरजेंसी समेत कई विभागों में भर्ती रहा और कई डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों के संपर्क में आया। अस्पताल के उन वार्ड को सेनिटाइज कर मरीज के संपर्क में आये डॉक्टरों और अस्पतालकर्मियों को चिन्हित किया जा रहा। अस्पताल भी सील किया जा सकता है, क्योंकि ये लगातार दूसरा मामला है। इसके पहले टीबी मरीज के पॉजिटिव मिलने पर भी वार्ड को सील कर संबंधित डॉक्टर और नर्स को होम क्वारंटाइन किया गया है।
अस्पताल प्रबंधन दोपहर बाद तक इसको लेकर बैठक करता रहा। छपरा के सिविल सर्जन डा. माधवेश्वर झा ने बताया कि भागवतपुर गांव निवासी वृद्ध को पेट की बीमारी है, लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है। वह 9 अप्रैल को पीएमसीएच में भर्ती हुआ था। वहां से 15 अप्रैल को वह आइजीआइएमएस चला गया। वहीं उसका ऑपरेशन हुआ।
ऑपरेशन के बाद वह 23 अप्रैल को पंचायत से एंबुलेंस बुलवाकर चुपके से अपने गांव चला आया। गांव आकर वह घर में रह रहा था। शुक्रवार की रात में जब उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो इसकी सूचना आइजीआइएमएस से उन्हें मिली। रात में ही उसे एंबुलेंस से छपरा सदर अस्पताल लाया गया और यहां पूरे एहतियात के साथ एनएमसीएच भेजा गया।