Poisoned Wine Tragedy: बिहार में सारण के मशरक के आधा दर्जन गांवों में मंगलवार से शुरू हुआ मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा। शुक्रवार सुबह तक यह आंकड़ा 61 पहुंच गया। सारण के बाद सीवान में 5 और बेगुसराय में 1 व्यक्ति की मौत होने की जानकारी है। अब तक कार्रवाई के नाम पर मशरक थानेदार और चौकीदार को निलंबित किया गया है, जबकि एसडीपीओ को ट्रांसफर कर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
मामले को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार को घेरने में जुटा है। शुक्रवार को विधानसभा में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जैसे ही बोलना शुरू किया, विपक्षी विधायकों ने कुर्सियां उठा ली और सदन में हंगामा शुरू कर दिया। बिहार विधानसभा में तीसरे दिन भी मामले को लेकर हंगामा हुआ। मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर सदन में जमकर नारेबाजी की। वहीं नीतीश कुमार के 'जो पियेगा, वो मरेगा' वाले बयान पर विपक्ष उनसे माफी की मांग कर रहा है।
दूसरी ओर नीतीश कुमार ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि शराब से मौत पर कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। शराब पीकर मृत्यु पर हम उसे सहायता राशि देंगे? ये सवाल ही नहीं पैदा होता...इसलिए यह बातें सही नहीं है। जब हम संसद का चुनाव लड़ते थे तब पार्टियां हमारे साथ नहीं थी फिर भी CPI-CPM के लोग हमारा साथ देते थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को जहरीली शराब से मौतों पर कहा कि "जो पीएगा वो मरेगा। बिहार में शराब के सेवन पर रोक है। लोगों को समझाने की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि जो गड़बड़ कर रहा, उसे पकड़िए। उसे अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करिए। हम तो बापू और बिहार की महिलाओं की इच्छा से शराबबंदी लागू किए हैं।
नीतीश कुमार ने विपक्ष को ही घेरते हुए कहा कि विपक्ष में बैठे जो लोग बिहार में इन मौतों पर पूछ रहे, उनसे पूछिए कि जहां-जहां आपका शासन है, वहां कितने लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं। बिहार में सबकी सहमति से शराबबंदी लागू हुआ है। आप भी शराब के खिलाफ अभियान चलाइए।
नेता विरोधी दल बिहार विधानसभा विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि छपरा में मृतकों का जो आंकड़ा है, वो सही नहीं है। हमने कल जाकर मृतकों के परिवार से मुलाकात की है। विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया कि बिना पोस्टमार्टम कराए मृतकों के शरीर जलाए गए हैं। पुलिस की मिलीभगत से बिहार में शराब का धंधा चल रहा है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव और नीतीश कुमार अपने अपने फायदे के कारण सत्ता में एक साथ है। शराब से मरने वाले परिवार को सरकार 10 लाख का मुआवजा दे। यह जो घटना हुई है, वो मौत नहीं नरसंहार है।
छपरा शराबकांड का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शीर्ष अदालत में इसको लेकर एक याचिका दायर की गई है। इसमें मामले की जांच के लिए SIT गठित करने की मांग की गई है। साथ ही मृतकों के आश्रितों के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है।
सारण के बाद अब इसी तरह की खबरें निकटवर्ती जिले सीवान से आने लगी हैं। भगवानपुर थाना क्षेत्र में मौतों का सिलसिला शुक्रवार सुबह शुरू हुआ। यहां थाने के चौकीदार समेत 5 की मौत हो गई।
शराब नहीं, ठंड से मौत बताने का पुलिसिया दबाव के बाद अब मशरक पुलिस पर एक और आरोप लगा है कि इसके मालखाने में रखे जब्त स्पिरिट के कई ड्रम खाली हैं और इसी से शराब के धंधेबाजों ने जहरीली शराब बनाई। इस आरोप की जांच उत्पाद विभाग के मुख्य सचिव के.के. पाठक के निर्देश पर एक टीम कर रही है।