Ritlal Yadav's statement on Ramcharitmanas: लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायकों का दिमागी संतुलन हिला हुआ है। एक बार फिर एक राजद विधायक ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है। माफिया से नेता बने दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव ने कहा कि रामचरितमानस मस्जिद में लिखी गई थी।
रीतलाल यादव के बयान से बिहार में राजद की सहयोगी सत्ताधारी पार्टी जदयू (JDU) ने खुद को अलग कर लिया है। वहीं, भाजपा (BJP) ने यादव के बयान को लेकर उन पर हमला बोला और कहा कि वे लालू यादव के चरवाहा स्कूल के प्रोडक्ट हैं।
वायरल वीडियो में रीतलाल यादव कहते हैं, “हिंदुत्व राज… एक-दूसरे को लड़ाने के फेर में आप पड़े हुए हैं। एक समय आया था… राम मंदिर, राम मंदिर की लोग चर्चा करता है। रामचरितमानस जब लिखा गया था तो एक मस्जिद में लिखा गया था। इतिहास उठाके देखिएगा। उस वक्त हमारा हिंदुत्व खतरे में नहीं था? मुगलकाल में हिंदू खतरे में नहीं था?”
रामचरितमानस पर रीतलाल यादव की टिप्पणी पर जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि लोग कुछ भी अनर्गल बयान दे देते हैं। ऐसे बयानों से बचना चाहिए। इससे जनता में गलत संदेश जाता है।
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि दुनिया का सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म है। इसकी संस्कृति को पूरी दुनिया के लोगों ने अपनाया है। उस धर्म के खिलाफ बोलना अज्ञानता का परिचायक है।
भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जब से लालू यादव की पाठशाला में ऐडमिशन लिया है, तब से नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह बोल रहे हैं, वे लालू यादव के चरवाहा विद्यालय से पढ़े हैं और उनके हेड मास्टर तेजस्वी यादव रहे होंगे।
बता दें कि राजद नेताओं पर रामचरितमानस पर इस तरह टिप्पणी पहली टिप्पणी नहीं है। इसके पहले बिहार के शिक्षामंत्री और राजद नेता चंद्रशेखर यादव ने रामचरितमानस को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। जनवरी 2023 को नालंदा में बोलते हुए चंद्रशेखऱ ने इसे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था।
इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दुओं के इस ग्रंथ को बकवास किताब बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर डाली। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस के हिसाब से ब्राह्मण कितना गलत करे वो सही और शूद्र कितना भी सही करे वो गलत होता है। अगर यही धर्म है तो इसका सत्यानाश हो।
इसके बाद यूपी के सिराथू सीट से सपा विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि रामचरितमानस कोई ग्रंथ नहीं है और ना ही तुलसीदास कोई संत नहीं है।
इसके बाद सपा के ही विधायक लालजी पटेल ने कहा था, “रामचरितमानस कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है। यह एक ऐसी किताब है, जिससे समाज में भेदभाव को बढ़ावा मिलता है। यह पिछड़ी जाति और दलितों का अपमान करती है। इसे जलाया जाना चाहिए।”