(Image credits: India Today/Rohit Singh)
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बिहार

शहर के शोरगुल से दूर गंगा घाट पर हजारों छात्र पढ़ रहे जीवन में आत्मनिर्भर बनने का पाठ

ChandraVeer Singh

बिहार की राजधानी पटना स्थित विभिन्न घाटों की तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में छात्र गंगा के किनारे बैठ कर पढ़ते दिख रहे हैं। जब यहां के गंगा घाट पर जाकर देखा गया तो पता चला ये सभी वो छात्र हैं जो कोई न कोई गर्वनमेंट जॉब के लिए कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रही हैं।

यानि गंगा घाट पर जीवन में सरकारी नौकरी हासिल कर आत्मनिर्भर बनने का पाठ पढ़ रहे हैं। इनमें ज्यादातर वो युवा हैं जिन्होंने जनवरी 2022 में आरआरबी-एनटीपीसी के परिक्षा परिणाम को लेकर सरकार विरोध किया था।

पटना के शिक्षक छात्रों को दे रहे निशुल्क गाइडेंस

हंगामे के बाद आरआरबी ने जुलाई 2022 में परीक्षा की नई तारीख की घोषणा की है। ऐसे में छात्र परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके चलते पटना के तीन घाट- पटना कॉलेज घाट, कदम घाट और काली घाट पर बैठकर सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं परीक्षा की तैयारी करते नजर आते हैं। वहीं छात्रों के हौसलों को देखते हुए देखते हुए पटना के शिक्षक इंजीनियर एसके झा तैयारी कर रहे छात्रों को परीक्षा को लेकर गाइड करने के लिए गंगा घाटों पर आते हैं। इस दौरान वे हजारों बच्चों को रेलवे परीक्षा के लिए निशुल्क तैयारी की गाइडेंस देते हैं। गंगा घाट पर परीक्षा की निशुल्क तैयारी के लिए छात्रों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है। इस दौरान छात्र इतने हो जाते हैं कि घाट के अलावा पेड़ के नीचे या जहां भी जगह मिले वहां बैठकर आपस में ग्रुप स्टडी करते हैं।

सभी छात्रों को नौकरी मिलनी चाहिए, उनकी मेहनत उनके काम आनी चाहिए...

गौरतलब है कि इंजीनियर एसके झा उन छह टीचर्स में से एक हैं जिन पर छात्रों को हंगामे के लिए उकसाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। झा निशुल्क पढ़ाने को लेकर कहते हैं कि सभी छात्रों को नौकरी मिलनी चाहिए, उनकी मेहनत उनके काम आनी चाहिए, इसलिए वे यहां आकर छात्रों को निशुल्क शिक्षा देते हैं। गंगा तट का माहौल शांत रहता है जिससे बच्चों का मन स्थिर रहता है और वे बेहतरी तरीके से पढ़ाई कर पाते हैं।
छात्रों का कहना है कि रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा जुलाई में होनी है। ऐसे में शहर की शोरगुल से दूर गंगा घाट का स्थान सुकून देने वाला है और यहां बेहतर ढंग से पढ़ाई हो पाती है। छात्रों ने बताया कि यहां खुली हवा में शांति होती है और पढ़ने में अच्छा लगता है।
दूसरे छात्रों के साथ पढ़ाई करने में एक-दूसरे की कई कमियां सामने आ जाती है, जिससे वहीं के वहीं कमियों को सुधारा जा सकता है। यहां छात्र यहां वीकेंड पर दो दिन सुबह पांच से आठ बजे तक घाट पर पढ़ते हैं। कई छात्र जगह के लिए सुबह 4 बजे ही गंगा घाट पर आ जाते हैं।

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