छत्तीसगढ़

जिंदगी मिली दोबारा: 104 घंटे बाद 60 फीट गहरे बोरवेल से जिंदा निकला राहुल

Rahul Borewell Rescue: 10 जून को राहुल बोरवेल में गिर गया था। सेना के जवानों और NDRF की 104 घंटे की मेहनत के बाद राहुल को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के बाहर निकल आने पर खुशी व्यक्त की है।

Jyoti Singh

Rahul Borewell Rescue: कहावत है कि ‘जाको राखै साईयां मार सके ना कोय’, यानि की जिस पर ईश्वर की कृपा दृष्टि होती हैं उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता हैं। ऐसा ही एक वाक्या छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा में देखने को मिला। यहां बोरवेल में फंसे एक बच्चे (राहुल) को 5 दिनों के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया है।

104 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन, जीती जिदंगी

10 जून को राहुल बोरवेल में गिर गया था। उसे बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। सेना के जवानों और NDRF की 104 घंटे की मेहनत के बाद राहुल को सकुशल बाहर निकाल लिया गया।

राहुल के जिंदा बाहर आने पर परिवार को बेहद खुशी है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी राहुल के बाहर निकल आने पर खुशी व्यक्त की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन हमारी रेस्क्यू टीम ने शानदार काम कर दिखाया।

करीब 5 दिन सांप मेढ़क के बीच रहा राहुल
राहुल के सकुशल बाहर निकाले जाने पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बच्चे के जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ होने की कामना की। साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल बहुत ही बहादुर बच्चा है।

उसके साथ गढ्ढे में 104 घंटे तक एक सांप और मेढक उसके साथी थे पर फिर भी वह उनके बीच रहा यह किसी भी बच्चे के लिए बहुत ही बहादुरी का काम है। आज पूरा छत्तीसगढ़ राहुल के सुरक्षित होने का जश्न मना रहा है।

नॉर्मल है राहुल की स्थिति

सीएमओ के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, राहुल की स्थिति अभी स्थिर है। एम्बुलेंस के डॉक्टर ने बताया कि प्राथमिक जांच में राहुल का बीपी, शुगर, हार्ट रेट नॉर्मल है और फेफड़े भी क्लियर हैं। बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में पूरी तैयारी हो चुकी है, कुछ ही देर में एम्बुलेंस बिलासपुर पहुंच जाएगी।

चुनौती पूर्ण रहा यह ऑपरेशन, लेकिन खुशी की हम जीते- जिला कलेक्टर
जिला कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने कहा, 'हम जीते हैं, हमारी टीम जीती है। यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति थी। सीएम भूपेश बघेल लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए थे। यहां बड़ी संख्या में सेना और एनडीआरएफ के जवान मौजूद थे।

सेना के जवान गौतम सूरी का कहना है कि यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन था. टीम के सदस्यों के संयुक्त प्रयासों से राहुल को सफलतापूर्वक बचाया जा सका. यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी सफलता है. सेना के करीब 25 अधिकारियों को यहां तैनात किया गया था’।

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