डेस्क न्यूज़- लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान अपनी ही पार्टी में अकेले रह गए हैं, चाचा पशुपति कुमार पारस और भाई प्रिंस राज की बगावत के बाद उनकी पार्टी के सभी सांसद उन्हें छोड़कर चले गए हैं, इस घटना के बाद पहली बार चिराग ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
चिराग पासवान ने ट्विटर पर लिखा, पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा, पार्टी मां की तरह है और मां को धोखा नहीं देना चाहिए, लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है, मैं उन लोगों को धन्यवाद देता हूं जो पार्टी में विश्वास रखते हैं, मैं एक पुराना पत्र साझा करता हूं।
उल्लेखनीय है कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता चिराग पासवान को पार्टी के नेता पद से हटाने और उनकी जगह उनके चाचा पशुपति कुमार को लाने के लिए हाथ मिलाया है।
सोमवार को चिराग पासवान भी उनसे मिलने दिल्ली में अपने चाचा के घर पहुंचे, पासवान के साले और सांसद प्रिंस राज भी इसी आवास में रहते हैं, यहां घर से बाहर निकलने के बाद करीब 20 मिनट तक गेट नहीं खुला, ऐसे में चिराग को इंतजार करना पड़ा।
इसके बाद करीब 90 मिनट तक पारस और प्रिंस के आवास पर रहने के बाद चिराग पासवान बिना मीडिया से बात किए वहां से चले गए, माना जा रहा है कि दोनों असंतुष्ट सांसदों में से कोई भी उनसे नहीं मिला, एक घरेलू सहायिका ने बताया कि पासवान के आने पर दोनों सांसद घर पर मौजूद नहीं थे ।