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सोनिया गांधी के नेतृव्य में राष्ट्रपति से मिला कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, अमित शाह को पद से हटाने की मांग

savan meena

न्यूज –  दिल्ली हिंसा मामले में कांग्रेस पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में सोनिया गांधी आज कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंचीं। इस मौके पर उनके साथ देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद रहे। कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस घटना से जुड़ी एक ज्ञापन भी सौंपा है।

इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में पार्टी के शिष्टमंडल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हिंसा मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं।

राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले पार्टी शिष्टमंडल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेता शामिल थे। गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा करने के लिए उनके साथ बातचीत की। हिंसा में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

बता दें कि इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में दिल्ली में शांति मार्च निकाला था। इस मौके पर उनके साथ केसी वेणुगोपाल समेत कई कांग्रेस नेता इस मार्च में शामिल हुए थे। प्रियंका गांधी के मार्च को जनपथ के पास रोक दिया गया था।

वह गांधी स्म़ति स्थल के लिए मार्च लेकर रवाना हुई थीं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के बयान को शर्मनाक करार देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार का इस पर कुछ नहीं करना और भी अधिक शर्मनाक है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संवाददाता सम्मेलन के बाद प्रियंका ने पत्रकारों से कहा, " भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने जो कहा है वह शर्मनाक है लेकिन सरकार का इस पर कुछ नहीं करना और भी अधिक शर्मनाक है।"

दिल्ली के लोगों से हिंसा से दूर रहने की अपील करते हुए कहा, "हिंसा से सिर्फ आप लोगों को पीड़ा होगी और सिर्फ आप लोगों का नुकसान होगा।" गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के सामने मिश्रा ने कथित तौर पर कहा था कि अगर तीन दिन के अंदर सड़कों को संशोधित नागरिकता विरोधी प्रदर्शनकारियों से खाली नहीं कराया गया तो वह एवं उनके समर्थक सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में हमने अपने कार्यकर्ताओं को कहा है कि इस तरह की घटना होने पर वे शांति और अमन बनाएं।

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