डेस्क न्यूज़- कोरोना वायरस का संक्रमण ठीक होने के बाद लोगों को तरह-तरह की नई परेशानियों का
सामना करना पड़ रहा है, ज्यादातर मरीजों को ब्लैक, येलो या व्हृाइट फंगस के इंफेक्शन हो रहे हैं,
अब कोरोना को हराने वाले कुछ मरीजों में गैंग्रीन बीमारी देखने का मिल रही है,
गैंग्रीन में मरीज के हाथ और पैर की अंगुलियां खराब हो रही हैं, इस बीमारी की चपेट में आने पर
अंगुलियों के चमड़े का रंग बदलने लगता है, कुछ ही दिनों में चमड़े का रंग काला,
बैंगनी या गहरे लाल रंग का हो जाता है, इस वक्त पटना एम्स में करीब छह मरीज गैंग्रीन से ग्रसित हैं।
एम्स के डीन उमेश कुमार भदानी ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में बताया कि जिन मरीजों का
सुगर लेवल हाई होता है आमतौपर उनकी इम्युनिटी कम हो जाती है, ऐसे मरीज दवाई के जोर पर
कोरोना को तो हरा देते हैं, लेकिन इन्हें गैंग्रीन होने का खतरा होता है, उन्होंने कहा कि कोरोना को
हराने वाले जिन भी मरीज में गैंग्रीन के हल्के लक्षण दिखें तो उन्हें तत्काल अस्पताल जाना चाहिए
और डॉक्टर की सलाह पर किसी हड्डी के डॉक्टर से इलाज शुरू करवाना चाहिए।
डॉक्टर ने बताया कि गैंग्रीन पैर या हाथ के अंगुलियों के पास खून थक्का हो जाता है,
जिससे से ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है, कुछ ही दिनों में शरीर का वह हिस्सा काला या बैंगनी रंग का दिखना शुरू हो जाता है,
इसका एकमात्र इलाज ऑपरेशन ही होता है। इसके ऑपरेशन में शरीर के जितने हिस्से में गैंग्रीन का असर होता है
उस हिस्से को काटकट हटा दिया जाता है।
गैंग्रीन से ग्रसित मरीज को हल्का बुखार हो सकता है, मरीज उकबुकाहट फील करता है, इसके बाद हाथ या के अंगुलियों वाले हिस्से में सूजन शुरू हो जाता है, कुछ ही दिनों में सूजन वाले हिस्से के स्किन का रंग काला, पर्पल, नीला या लाल में से कोई एक हो जाता है, शरीर का वह हिस्सा छूने पर लगता है कि वहां का स्किन कमजोर हो गया है, साथ ही शरीर का वह हिस्सा ठंडा महसूस होता है, बॉडी में इसका असर बढ़ने पर सांस लेने में दिक्कत शुरू हो जाता है, साथ ही हार्ट बीट बढ़ जाता है, कई बार गैंग्रीन संक्रमित हिस्से में दर्द और खिंचाव भी होता है।