दिल्ली

SC ही कर सकता है राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव से जुड़े विवादों पर फैसला- दिल्ली हाईकोर्ट

न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने जेल में बंद विधायकों को आपराधिक मामलों में राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने से रोकने की मांग वाली एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका संविधान और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम के अनुसार चलने योग्य नहीं है

Deepak Kumawat

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव से जुड़े सभी विवादों का फैसला सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही कर सकता है। न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने जेल में बंद विधायकों को आपराधिक मामलों में राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने से रोकने की मांग वाली एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका संविधान और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम के अनुसार चलने योग्य नहीं है, क्योंकि ऐसे मामलों की सुनवाई का अधिकार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को है।

न्यायाधीश ने एक 70 वर्षीय बढ़ई की रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसने दावा किया था कि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने में विफल रहा है। कोर्ट ने कहा कि परिणाम घोषित होने के बाद राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में समाधान रिट याचिका के रूप में नहीं, बल्कि "चुनाव याचिका" के रूप में उपलब्ध हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने एक भी ऐसा उदाहरण नहीं दिया है जिसमें जेल में बंद किसी सांसद या विधायक को वोट देने की अनुमति दी गई हो और न ही ऐसे किसी सांसद या विधायक को पार्टी बनाया हो।

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