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तालिबान, तानाशाही शुरू, जलालाबाद में अफगान झंडा दिखाने पर चिढ़े कट्टरपंथियों ने भीड़ पर की फायरिंग

तालिबान के झंडे को अस्वीकार करते हुए सरकारी दफ्तरों में देश का झंडा लगाए जाने की मांग कर रहे थे।

Ranveer tanwar

पाकिस्तान और चीन जैसे देश भले ही तालिबान की ब्रांडिंग में जुटे हों, लेकिन विद्रोही संगठन लगातार अपने काम से दिखा रहा है कि अब भी वह पहले जितना ही क्रूर है। अफगानिस्तान के जलालाबाद देश का झंडा लहराए जाने से कट्टरपंथी इस कदर चिढ़ गए कि गोलियां बरसा दीं। बताया जा रहा है कि फायरिंग में तीन लोगों की जान चली गई, तो आधा दर्जन से अधिक लोग जख्मी हैं।

घटना बुधवार की है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक व्यस्त सड़क पर अफगानिस्तान का झंडा हाथों में लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग तालिबान के झंडे को अस्वीकार करते हुए सरकारी दफ्तरों में देश का झंडा लगाए जाने की मांग कर रहे थे।

वीडियोज में बताया गया है कि तालिबान ने इस दौरान पत्रकारों और खासकर वीडियो जर्नलिस्ट्स से भी मारपीट की

तालिबान के लड़कों को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिस समय तालिबानियों ने फायरिंग की, उस समय सड़क पर बड़ी संख्या में आम लोग थे। इस वीडियो को अफगानिस्तान एक अधिकारी नजीब नांग्याल ने ट्विटर पर साझा किया है। इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान की सीमा से लगे खोस्त प्रांत में भी लोगों ने अफगानी झंडा लेकर प्रदर्शन किया था। लोकल मीडिया ने इसके कुछ वीडियो फुटेज भी जारी किए हैं जो सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। इसमें लोग शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाल रहे हैं। इसी दौरान इमारतों और सड़कों पर तैनात तालिबान फायरिंग शुरू कर देते हैं। वीडियोज में बताया गया है कि तालिबान ने इस दौरान पत्रकारों और खासकर वीडियो जर्नलिस्ट्स से भी मारपीट की।

सिर न ढंकने पर मार डाली महिला

एक ओर तालिबान कह रहा है कि वह महिलाओं के अधिकार का सम्मान करता है वहीं दूसरी ओर 17 अगस्त को तालिबान के लड़ाकों ने बुर्का न पहनने पर एक महिला को मार डाला है। रिपोर्ट के मुताबिक तखर प्रांत में एक महिला को सावर्जनिक रूप से सिर न ढके रहने के कारण मार दिया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिला की बॉडी खून से लथपथ पड़ी थी और उसके परिवार वाले उसके पास रो रहे थे।

तालिबान के सत्ता में आते ही महिलाओं की आफत आ गई है।

यह घटना इस बात का उदाहरण है कि तालिबान, अफगानिस्तान पर किस तरह से अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। इसी दिन तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम शरिया कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेंगे। तालिबान ने काबुल पर कब्जा करने के साथ ही पश्चिमी कपड़ों में महिलाओं के विज्ञापन को उजले रंग से पोत दिया था। तालिबान के डर से अफगानिस्तान में पुरुष भी जींस और टी-शर्ट के बदले पारंपरिक कपड़ों में देखे जा रहे हैं। तालिबान के सत्ता में आते ही महिलाओं की आफत आ गई है।

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