manohar lal khattar  file photo google
हरियाणा

गुरुग्राम मामले पर खट्टर की दो टुक‚ खुले में नमाज की प्रथा बर्दाश्त नहीं

गुरुग्राम काफी वक्त से दो समुदायों की बीच खुले स्थानों पर नमाज को लेकर आपसी मतभेद का अखाड़ा बना हुआ है। आए दिन दोनों समुदायों के बीच टकराव की स्थिति बनती रहती है। ऐसे में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने जवाब दिया। जानिए मुख्यमंत्री की पूरी बात।

Prabhat Chaturvedi

गुरुग्राम काफी वक्त से दो समुदायों की बीच खुले स्थानों पर नमाज को लेकर आपसी मतभेद का अखाड़ा बना हुआ है। आये दिन दोनों समुदायों के बीच टकराव की स्थिति बनती रहती है। गनीमत रहती है की पुलिस की मौजूदगी से अभी तक कोई भी हिंसक घटना नहीं हुई और मामला बहस ,विरोध की नारों और धरना प्रदर्शन तक ही सीमित रहता है। अब हाल ही में इस पूरे मामले पर हरियाणा की सीएम मनोहर लाल खट्टर का बयान आया है।

जानिए क्या था पूरा मामला

कुछ मीडिया समूहों की अनुसार सेकंड कोरोना वेव के वक्त प्रशासन ने कुछ सरकारी जगहों पर जुमे की नमाज की इजाजत दी थी। काफी वक्त बीत जाने पर भी इन 37 जगहों पर हर शुक्रवार सामूहिक नमाज जारी रही। पिछले कुछ महीनो से दूसरे समुदाय की ओर से इस पर आपत्ति शुरू हुई और सरकारी जगहों पर नमाज को बंद करने के लिए विरोध प्रदर्शन किये जाने लगे। कुल ऐसी 37 जगहों पर नमाज होती थी जहाँ विरोध प्रदर्शन किये गए। इस पूरे विवाद में अभी तक कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं। इस पर राजनीतिक बयान बाजी होती रही है।

"समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनके पास ऐसी तमाम जगहे हैं, जहां उन्हें मंजूरी मिलनी चाहिए. वक्फ बोर्ड की कई जगहों पर कब्जा है। ये जगहें उन्हें कैसे फिर से मुहैया कराई जा सकती हैं, इस संबंध में चर्चा जारी है. या फिर वो अपने घरों में नमाज पढ़ सकते हैं. खुले में नमाज पढ़ना और फिर ये सारा विवाद, हम इस विवाद को जारी नहीं रहने देंगे.इस पूरे मामले में नए सिरे से चर्चा होगी. हमने पहले जो मंजूरी दी थी, उसे वापस ले लिया है. सभी को सुविधाएं मिलेंगी. किसी का भी अधिकार छीना नहीं जाएगा और किसी को मजबूर भी नहीं किया जाएगा ”
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर

कोई अपनी निजी जगह पर करे तो कोई दिक्कत नहीं...

इस पूरे विवाद पर लम्बे वक्त की बाद सीएम के बयान मीडिया में आया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया से ईएसएस पूरे विवाद पर बात करते हुए कहा ,

“कोई अपनी जगह पर नमाज पढ़ता है, पूजा करता है, पाठ करता है, तो उसमें हमें कोई दिक्कत नहीं है. मंदिर, मस्जिद, धार्मिक स्थल इसलिए ही बने होते हैं ताकि लोग वहां जाकर पूजा पाठ करें. खुले में ऐसा कार्यक्रम नहीं होना चाहिए. नमाज पढ़ने की प्रथा खुले में हुई है. यह कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.”

Like and Follow us on : Twitter | Facebook | Instagram | YouTube

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार