हिमाचल प्रदेश

Himachal Election 2022: भाजपा फतह को तैयार...कांग्रेस बीच मझधार, नैया किसकी होगी पार?

Om prakash Napit

हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। दूसरे राज्यों की तरह भाजपा यहां भी बेहद ऐक्टिव नजर आ रही है। जेपी नड्डा, अनुराग ठाकुर के लगातार दौरों के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी भी बीते दो महीनों में कई बार हिमाचल प्रदेश का दौरा कर चुके हैं। कुल्लू का दशहरा मेला, वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाना और मंडी में रैली करने से लेकर कई आयोजनों में पीएम नरेंद्र मोदी शामिल रहे हैं।

यही नहीं कुछ महीने पहले धर्मशाला और शिमला में भी पीएम ने रैली की थी। इससे पता चलता है कि 68 सीटों वाले पहाड़ी राज्य को लेकर भाजपा कितनी गंभीर है।

आम आदमी पार्टी ने भी हिमाचल प्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास किया है। हालांकि हिमाचल प्रदेश में लंबे वक्त तक शासन करने वाली कांग्रेस इस पहाड़ी राज्य में भी बहुत सक्रिय नहीं दिखी है। कांग्रेस राजा वीरभद्र सिंह की गैर मौजूदगी में पहली बार चुनावी समर में उतरने वाली है, जो 6 बार सीएम रहे थे। सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रतिभा सिंह, सुधीर शर्मा और कौल सिंह ठाकुर समेत कई गुटों में बंटी कांग्रेस के लिए यह गुटबाजी भारी पड़ सकती है।

भले ही हिमाचल में कांग्रेस में टकराव पंजाब जैसा नहीं है, लेकिन हालात नहीं संभाले तो चुनावी नतीजा पार्टी के लिए वैसा ही हो सकता है। हालात यह हैं कि प्रतिभा सिंह ने कांग्रेस लीडरशिप पर ही आरोप लगाते हुए कह दिया था कि राहुल और प्रियंका हिमाचल को समय नहीं दे रहे हैं।

भाजपा के पक्ष में हैं ये 4 चीजें

हिमाचल प्रदेश में हर 5 साल बाद सरकार बदलने की परंपरा रही है, लेकिन भाजपा इस बार मोदी लहर, कांग्रेस की गुटबाजी और अपने काम के नाम पर मिशन रिपीट के लिए कमर कसे हुए है। भाजपा को लगता है कि वह उत्तराखंड और यूपी की तरह ही हिमाचल में भी सरकार बदलने की परंपरा को तोड़ने में सफल होगी। पीएम नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा जैसे नेताओं के दौरे, कसी हुई स्टेट लीडरशिप और कार्यकर्ताओं की सक्रिय टोली उसके लिए बड़ी ताकत है। लेकिन कांग्रेस को सबक लेना होगा कि वह गुटबाजी बच सके।

वीरभद्र सिंह का अभाव, दो गुटों में बंटी कांग्रेस

कांग्रेस के आंतरिक सूत्र भी मानते हैं कि वीरभद्र सिंह के बिना यह पहला चुनाव और पार्टी के पास चेहरे का अभाव है। कांग्रेस ने बैलेंस बनाने के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू को चुनाव समिति का मुखिया बनाया है तो वहीं वीरभद्र के नाम को भुनाने के लिए उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा सौंपा है। हालांकि सुक्खू और प्रतिभा के बीच पार्टी गुटों में बंटी दिखती है।

वहीं 2017 में अपने गढ़ द्रंग विधानसभा से हारने वाले कौल सिंह ठाकुर और धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा पर भी गुटबाजी के आरोप लगते रहे हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस पंजाब से कुछ सीखती है या फिर भाजपा को उत्तराखंड दोहराने का यहां मौका मिलता है।

भाजपा की रणनीति से कांग्रेस को झटके

हिमाचल प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने आक्रामक तेवर अपनाया है। भाजपा की रणनीति से कांग्रेस में हलचल मची हुई है। हाल ही में भाजपा में दो कांग्रेस के मौजूदा विधायक शामिल हुए हैं। वही पिछले दिनों कई और नेता भी शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा एक और झटका राज्य महासचिव आश्रय शर्मा के कांग्रेस छोड़ने से लगा है। आश्रय शर्मा दिवंगत नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पोते हैं। इससे कांग्रेस की चुनावी तैयारियों पर असर पड़ा है।

हिमाचल में चुनाव का ऐलान, 12 नवंबर को एक फेज में मतदान, नतीजे दिसंबर में

भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने हिमाचल प्रदेश में चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में चुनावी बिगुल बजाते हुए कहा कि पहाड़ी राज्य में एक फेज में 12 नवंबर को वोटिंग होगी। मतगणना 8 दिसंबर को होगी। गुजरात के लिए अभी चुनाव तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल में नोटिफिकेशन 17 अक्टूबर को जारी होगी। 25 अक्टूबर तक प्रत्याशी नामांकन करा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 27 अक्टूबर को होगी। 29 अक्टूबर तक प्रत्याशी अपनी दावेदारी वापस ले सकते हैं। 12 नवंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को नतीजे घोषित होंगे।

Adhyayan Suman ने याद किये स्ट्रगल के दिन, 'पेंटहाउस एक लग्जरी जेल की तरह लगता था'

Big News: राहुल गांधी की इंटरनेशनल बेइज्जती, जिस गैरी कास्परोव को बताया फेवरिट चेस प्लेयर, उन्हीं ने कहा – 'पहले रायबरेली जीत के दिखाओ'

Fake Video: अमित शाह फर्जी वीडियो केस में अब अरुण रेड्डी गिरफ्तार, चलाता है ‘स्पिरिट ऑफ कांग्रेस’ नाम से हैंडल

Zeenat Aman ने जानवरों पर हो रहें अत्याचार को लेकर जताया दुख, को-एक्टर्स से की यह अपील

संविधान में मुसलमानों को क्यों नहीं मिला आरक्षण, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप