डेस्क न्यूज – वरिष्ठ आईएएस अधिकारी BM विजयशंकर ने मंगलवार रात बेंगलुरू स्थित अपने घर पर आत्महत्या कर ली बताया जा रहा है कि उनके खिलाफ सीबीआई 4,000 करोड़ रुपये के आईएमए पोंजी घोटाले में मुकदमा चलाना चाहती थी।
अधिकारियों ने बताया की घटना का पता उस वक्त लगा जब BM विजयशंकर को ढुंढते देर शाम उनकी पत्नी शहर के दक्षिणी उपनगर जयनगर में अपने निवास पर पहुंची और उन्हें पहली मंजिल पर एक कमरे में लटका पाया गया।
पुलिस को आईएएस अधिकारी BM विजय शंकर की आत्महत्या के बारे में सूचित किया गया, जिसके बाद उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की गठबंधन सरकार ने 2019 में एक विशेष जांच दल का गठन किया था, जिसने विजयशंकर को गिरफ्तार किया था, इसके बाद भाजपा सरकार ने इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया। विजय शंकर पर आईएमए पोंजी घोटाले पर पर्दा डालने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने का आरोप है।
पोंजी घोटाले के मुख्य आरोपी मोहम्मद मंसूर खान ने 2006 में आईएमए के नाम से एक कंपनी खोली थी। यह कंपनी कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू सहित कुछ जिलों में अपना संचालन कर रही थी। कंपनी ने लोगों के साथ निवेश के नाम पर धोखाधड़ी शुरू कर दी। कंपनी पर आरोप था कि उसने लोगों को 17-25 फीसदी का लालच देकर पैसे निवेश करवाए, लेकिन जब रिटर्न देने का समय आया तो कंपनी का मालिक मंसूर खान दुबई फरार हो गया। हालांकि, बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
कर्नाटक कैडर के अधिकारी को आईएएस सेवा से निलंबित कर दिया गया था, जबकि वह बेंगलुरु शहरी जिले के उपायुक्त थे, आईएमए घोटाले के सरगना मोहम्मद मंसूर खान से उन्होंने डेढ़ करोड रुपए की रिश्वत लेने की बात कबूली थी लेकिन आरोप लगाया था कि बाद में उससे पांच करोड रुपए की ओर मांग की थी।
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